ब्रेकिंग न्यूज़

गोपालगंज में BSF जवान की मां की गोली मारकर हत्या, घर में घुसकर अपराधियों ने वारदात को दिया अंजाम बीजेपी ने रातोंरात ललन सिंह और संजय झा को दिल्ली बुलाया, क्या सरकार बनाने में फंस गया पेंच? 19 नवंबर को NDA विधायक दल की बैठक, 20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथग्रहण समारोह, PM मोदी होंगे शामिल जमुई के मलयपुर पुलिस लाइन में हथियार की सफाई के दौरान चली गोली, CRPF जवान घायल गांधी मैदान में शपथ ग्रहण से पहले पटना जिला प्रशासन अलर्ट, सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी की गई रद्द नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NSMCH) ने हासिल किया एक और मुकाम, पहली बार 150 सीटों पर हुआ छात्रों का दाखिला RJD की बैठक में ड्रामा: तेजस्वी ने विधायक दल का नेता बनने से कर दिया इंकार, संजय यादव चाणक्य के रोल में बने रहेंगे Bihar News: मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव और संजीव हंस के करीबी पुष्पराज को शर्तों के साथ बेल, पासपोर्ट जमा करने का आदेश Bihar News: मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव और संजीव हंस के करीबी पुष्पराज को शर्तों के साथ बेल, पासपोर्ट जमा करने का आदेश धर्मेन्द्र से मिलने पत्नी पूनम सिन्हा के साथ हेमा मालिनी के घर पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा, बोले..हमने अपने बड़े भाई का हालचाल लिया

लगातार ब्रिज कोलैप्स के बाद नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, 10 साल में बने सभी पुल-पुलियों की होगी जांच

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 05 Sep 2024 09:24:37 AM IST

लगातार ब्रिज कोलैप्स के बाद नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, 10 साल में बने सभी पुल-पुलियों की होगी जांच

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में पिछले कुछ दिनों से यह अक्सर देखने को मिल रहा था कि पुल और पुलिया धवस्त हो रहे हैं। इसकी वजह से सरकार की काफी किड़किड़ी भी हो रही थी। इसके बाद अब नीतीश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि बिहार में पिछले 10 वर्षों में जितने भी पुल-पुलिया बने हैं, उनको दी गई एनओसी की शर्तों की जांच होगी। 


दरअसल, जल संसाधन विभाग ने इस संबंध में अपने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत पुल-पुलियों के साथ अन्य जितनी भी संरचनाओं का निर्माण किया गया है, सबकी जांच होगी। बिहार में पिछले दिनों करीब 30 दिनों में पुल-पुलिया गिरने और डायवर्जन बह जाने की दो दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुईं। इसे लेकर नीतीश सरकार विपक्षियों के निशाने पर रही।


मालूम हो कि,  पुल-पुलिया गिरने और डायवर्जन बह जाने के मामले को लेकर आरजेडी प्रमुख लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से जमकर राजनीति हुई। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है। पुल-पुलियों के जांच की जिम्मेदारी विभाग के सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता के अलावा केन्द्रीय रूपांकण, शोध एवं गुणवत्ता नियंत्रण के मुख्य अभियंता को दी गयी है। उनसे कहा गया है कि क्षेत्रीय स्तर से एनओसी में निहित शर्तों के अनुपालन की रिपोर्ट लेकर मुख्यालय को समर्पित करें। इसके पहले पांच वर्षों के लिए जांच का निर्णय लिया गया था, लेकिन समीक्षा में यह बात सामने आई कि गड़बड़ी की आशंका इसके पहले की भी हो सकती है।


बताया जा रहा है कि, विभाग यह देखेगा कि जिन विभागों या जिलों में पुल-पुलियों का निर्माण हुआ है, उसको दिये गए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की शर्तों का कितना अनुपालन किया गया है। तय मानकों का पालन किया गया है या नहीं? शर्तों का उल्लंघन किया गया है तो वह कितना है? उसका क्या प्रभाव पड़ा है? सरकार इस मामले में इसलिए भी गंभीर है कि पिछले दिनों पथ निर्माण विभाग ने सभी पुलों की ऑडिट भी कराई है। इनमें पुल निर्माण निगम ने 1700 पुलों की ऑडिट की है।


आपको बताते चलें कि, पिछले कुछ माह में कई पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आई हैं। इसको लेकर सरकार बेहद सख्त है। पहले उसने सभी पुल-पुलियों का सर्वे कराया है। अब उनको दिये गए एनओसी की जांच का निर्णय लिया गया है।