लगातार एक्शन में एस. सिद्धार्थ: शिक्षा विभाग के 4 अधिकारियों को एक साथ सस्पेंड किया

लगातार एक्शन में एस. सिद्धार्थ: शिक्षा विभाग के 4 अधिकारियों को एक साथ सस्पेंड किया

PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ लगातार एक्शन में हैं. सोमवार को वे स्लम बस्ती से लेकर सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच गये. इसके बाद आज ही उन्होंने शिक्षा विभाग के चार अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया है.


बेंच-डेस्क खरीद में गडबड़ी पर कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई सरकारी स्कूलों के लिए बेंच-डेस्क से लेकर दूसरे सामानों की खऱीद और आउटसोर्सिंग में गड़बड़ी के आरोप में की है. जिलों में बेंच-डेस्क खरीद से लेकर अन्य योजनाओं में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी राशि का बंदरबांट का मामला पाए जाने के बाद ये कार्रवाई की गई है.


शिक्षा विभाग ने आज किशनगंज जिले के चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. निलंबित किये गये अधिकारियों में दो जिला शिक्षा पदाधिकारी भी शामिल हैं. सरकारी आदेश के मुताबिक किशनगंज के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता, वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिउर रहमान, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) राजेश कुमार सिंह और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(सर्व शिक्षा) सूरज कुमार झा को निलंबित कर दिया गया है. इन सभी अधिकारियों पर सरकारी स्कूलों के लिए सामान खरीद में गड़बड़ी का आरोप है.


किशनगंज के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता फिलहाल गोपालगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं. उन पर भी गाज गिरी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के आदेश के बाद निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की ओर से निलंबन का पत्र जारी किया गया है.


डीएम की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

दरअसल किशनगंज के जिलाधिकारी ने सरकारी स्कूलों में सामान खरीद से लेकर शिक्षा विभाग की दूसरी योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार को 21 जून 2024 को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी. डीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षा विभाग की योजनाओं के कार्यान्वयन में बरती गई अनियमितता की जांच के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई थी. इस जांच कमेटी ने पूरी पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट दी है. जांच टीम ने पाया कि किशनगंज जिले में बेंच डेस्क योजना, विद्यालय जीर्णोद्धार, प्री फैब स्ट्रक्चर निर्माण,  लैब की स्थापना, नाइट गार्ड की बहाली, पेयजल योजना और हाउसकीपिंग योजना के तहत वेंडर चयन और भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी. नियमों की अनदेखी कर सारा काम किया गया.