लेडी डॉक्टर और दारोगा के खिलाफ अरेस्ट वारंट, इस मामले में कोर्ट ने दिया गिरफ्तारी का आदेश

लेडी डॉक्टर और दारोगा के खिलाफ अरेस्ट वारंट, इस मामले में कोर्ट ने दिया गिरफ्तारी का आदेश

BHAGALPUR : भागलपुर की सिविल सर्जन अंजना कुमारी और जगदीशपुर थाना के तत्कालीन दारोगा और वर्तमान में बांका में पदस्थापित अखिलेश वर्मा के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है। इन दोनों को पॉक्सो के तहत दर्ज दो मामलों में गवाही देने के लिए नहीं आने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने भागलपुर एसएसपी को पत्र लिख कहा है कि दोनों को गिरफ्तार कर एक नवंबर को कोर्ट में गवाही के लिए प्रस्तुत किया जाए। पॉक्सो के विशेष जज पन्ना लाल की अदालत ने सोमवार को डॉक्टर और पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध आदेश जारी किया। 


वहीं, सिविल सर्जन को लेकर नाथनगर थाना में दर्ज कांड में जबकि दारोगा को जगदीशपुर थाना में दर्ज कांड को लेकर गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। सिविल सर्जन और दारोगा को एक नवंबर को कोर्ट में गवाही के लिए प्रस्तुत करने को कोर्ट ने कहा है। नाथनगर में वर्ष 2019 में दर्ज पॉक्सो कांड में तत्कालीन महिला डॉक्टर और कांड में जांच करने वाली एवं वर्तमान में सिविल सर्जन अंजना कुमारी को गवाही के लिए आना था। अभियोजन की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि गवाही की प्रत्येक तारीख पर डॉक्टर को गवाही के लिए आने की सूचना दी गई पर वे नहीं पहुंची।


इसके आलावा दूसरा मामला जदगशीपुर थाना में दर्ज कांड का है। अभियोजन की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि पॉक्सो कांड के अनुसंधानकर्ता और वर्तमान में बांका जिले में पदस्थापित दारोगा अखिलेश वर्मा को गवाही के लिए मोबाइल पर सूचना दी गई पर वे नहीं आए। कोर्ट ने उक्त दारोगा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर भागलपुर एसएसपी के द्वारा बांका एसपी को लिखा और दारोगा को गिरफ्तार कर एक नवंबर को कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है। 

इधर, इस मामले पर सिविल सर्जन अंजना कुमारी ने कहा कि मुझे गवाही के लिए जब भी सूचना मिलती है जरूर जाती हूं। उक्त मामले में गवाही को लेकर मुझे कोई सूचना ही नहीं मिली है। देखूंगी कि कौन सा मामला है और गवाही के लिए सूचना आई है या नहीं। यह मामला नाथनगर थाना क्षेत्र में तीन जुलाई 2019 को घटना घटित हुई थी। नौवीं की छात्रा को अपने घर बुलाकर आरोपी अश्विनी ने दुष्कर्म किया था। छात्रा ने अपने परिजन को पूरी जानकारी दी। गांव में पंचायत हुई। आरोपी के पिता ने बेटे की शादी पीड़िता से कराने की बात कही पर उससे पीछे हट गया। उसके बाद पीड़िता के पिता ने केस दर्ज कराया।