PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अटकलों के मुताबिक ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। जिसे सबने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच स्वीकार कर लिया। नीतीश ने भी पार्टी नेताओं की भावना के मुताबिक अध्यक्ष पद की बागडोर संभाल ली है।
दरअसल, नीतीश इससे पहले 2016 से 2020 तक जेडीयू के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके बाद आरसीपी सिंह और आरसीपी की बगावत के बाद ललन सिंह जेडीयू के अध्यक्ष बने थे। ऐसे में अब आज ललन सिंह आज सुबह नीतीश कुमार के आवास गए थे जहां से दोनों एक ही कार से पार्टी की मीटिंग के लिए कन्स्टीट्यूशन क्लब पहुंचे। इसके बाद ललन सिंह ने इस्तीफा दिया है।
वहीं, ललन सिंह की इस्तीफा के बाद नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की खबर को लेकर जब पटना में लालू आवास पर रजत के नेता और बिहार सरकार के मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर चुप्पी साध ली और बिना कुछ बोल आगे निकलते चले गए। इतना ही नहीं रजत के कोई भी बड़े या छोटे नेता के तरफ से अभी इस पूरे मामले में कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। चाहे वह मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हो या फिर चाहे वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हो या फिर रजत के अन्य कोई नेता अभी तक इस मामले में कोई बधाई या फिर सफाई नहीं दी है। जबकि बीते कल जब नीतीश कुमार दिल्ली जा रहे थे तो उसे समय तहसील यादव ने यह जरूर कहा था कि ललन सिंह को क्यों हटाया जाएगा वह तो अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में आज ललन सिंह का इस्तीफा हुआ है तो तेजस्वी यादव के तरफ से ना कोई ट्वीट आया है ना ही उनके तरफ से कोई बयान दिया गया।
वहीं, बैठक के बाद विजय कुमार चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि ललन सिंह ने बैठक में पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। यदि उसमें इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है तो स्वाभाविक रूप से वह (नीतीश कुमार) अध्यक्ष होंगे। ललन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल पर चौधरी ने कहा कि ललन बाबू ने बैठक में खुद कहा कि पहले भी उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद स्वीकार किया था।