Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, इस दिन से लोगों को झेलनी होगी कड़ाके की सर्दी Bihar Election 2025: BJP की रणनीति पर हो रहा NDA में कैंडिडेट का चयन, जानिए क्यों बिहार में हो रही इस बात की चर्चा ; ये है असली वजह Bihar Election: 4 बार के MLA और पूर्व सांसद RJD छोड़ जन सुराज में शामिल, कहा "उस पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी" Bihar Election 2025: शाह ने BJP को लेकर बनाया खास प्लान, लालू के खास इलाके से करेंगे रैली की शुरुआत Bihar Election 2025: JDU में इस बार कुल इतने विधायकों का कटा टिकट, लिस्ट में बड़का नेता जी का नाम भी शामिल Bihar Election: 18 नहीं बल्कि इतनी सीटों पर लड़ेगी VIP, सहनी को राजद से मिला यह विशेष ऑफर महागठबंधन में नहीं सुलझ पाया है सीट बंटवारे का फॉर्मूला, कांग्रेस ने जारी की कैंडिडेट के नाम की पहली लिस्ट, इतने नेता शामिल AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप BIHAR ELECTION 2025: बड़हरा से RJD ने रामबाबू सिंह पर जताया भरोसा, सिंबल मिलते ही क्षेत्र में जश्न
1st Bihar Published by: Updated Tue, 03 Mar 2020 01:59:06 PM IST
- फ़ोटो
DESK : ईश्वर ने इस पृथ्वी की रचना बहुत ही संतुलन के साथ की थी, पर इंसानों ने इस संतुलन को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. ऐसा लगता है, मानो पृथ्वी पर उनका ही अधिकार है. पर वो भूल गए है कि इसका दुष्परिणाम हमारे साथ आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना होगा.हमें इस बात को स्वीकार करना होगा की प्रकृति ने एक ऐसी संरचना तैयार की है, जहां सभी जीव-जंतु एक दुसरे पर निर्भर करते है. आपने कभी सोचा है की ऐसी परिस्थिति कैसे हो गई. विचार करने पर हम पाएंगे की इसकी बड़ी वजह लालच है, हम तरकी और विकास के दौड़ में ऐसे शामिल हुए की प्रकृति का संतुलन ही बिगड़ गया. तभी तो इस भूल की भरपाई के लिए हम अब विश्व वन्यजीव दिवस मानते है.
जी हां, 3 मार्च यानि आज विश्व वन्यजीव दिवस है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68 वे अधिवेशन में यह फैसला लिया. वन्य जीवों के संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रति वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की. देर से ही सही पर इसकी शुरुआत 2014 में हुई.
धरती पर मानव जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वन्यजीवों तथा पेड़-पौधों की उपस्थिति अनिवार्य है. वन्यजीवों के बिना धरती सिर्फ एक सूखे-उजाड़ ग्रह की भांति होगी, जिस पर जीवन मुमकिन नही होगा.वन्यजीवों को खोना हमारी सामर्थ्य से बाहर है.
हर साल विश्व वन्यजीव दिवसको अलग-अलग थीम पर आयोजित किया जाता है.संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस बार की थीम ‘पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना’ तय किया गया है. आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे कि हर 24 घंटे के अंदर जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों की लगभग 200 प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अतः यह स्पष्ट है कि प्रति वर्ष करीब 73,000 प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त हो रही हैं. हमने पिछले कुछ वर्षो में जीव जंतुओं और पेड़ पौधों कीलगभग 80 लाख प्रजातियों को नष्ट कर दिया है.
यदि हम इस परिस्थिति को और गंभीर होने से रोकना चाहते है तो इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना होगा. हमे लोगों में जागरूकता लानी होगी. जंगलों की कटाई, दुर्लभ जीव जंतुओं का व्यापार, जानवरों के अंगों की तस्करी मुख्या कारण है जिसकी वजह से ये संकट आया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहल के कारण ही सही पर एक उम्मीद की किरण पर्यावरण और वन जीवों के संरक्षण में लोगों में जागी है. इस पहल में हमे भी योगदान देना होगा.