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मोकामा मतलब.. अनंत सिंह या कुछ और? नीलम और सोनम की किस्मत का फैसला आज

1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Nov 2022 07:00:42 AM IST

मोकामा मतलब.. अनंत सिंह या कुछ और? नीलम और सोनम की किस्मत का फैसला आज

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PATNA : बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव के बाद आज का दिन मतगणना का है। मोकामा विधानसभा सीट के लिए आज पटना में मतगणना कराई जा रही है। पटना के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में मतगणना केंद्र बनाया गया है और कड़ी सुरक्षा के बीच आज ईवीएम में बंद वोट ओपन होगी उनकी गिनती होगी। मोकामा विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला आरजेडी उम्मीदवार नीलम देवी और बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी के बीच है। कांटे के इस मुकाबले में बाजी किसके हाथ लगती है इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। मोकामा के चुनाव की खास बात यह रही कि एक बार फिर यहां अनंत सिंह सबसे बड़े फैक्टर के तौर पर देखे गए। अनंत सिंह भले ही इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हों, उनकी पत्नी नीलम देवी उम्मीदवार रही हो लेकिन चर्चा अनंत सिंह की ही रही। आज मोकामा का जनादेश यह तय करेगा कि मोकामा का मतलब अनंत सिंह होता है या फिर कुछ और! भारतीय जनता पार्टी के लिए यहां होने जैसा कुछ भी नहीं है। इस सीट पर कभी भी बीजेपी का कब्जा नहीं रहा। ऐसे में अगर बीजेपी यहां कोई बड़ा उलटफेर करती है तो उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। 


चुनाव प्रचार से लेकर वोटिंग तक और फिर अब मतगणना के पहले तक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को ही जीत के लिए फेवरेट माना जा रहा है। अनंत सिंह के समर्थक हों या फिर राजनीतिक जानकार सब यही मान रहे हैं कि नीलम देवी इस चुनाव में बाजी मार लेंगी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी भी पूरी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी इसलिए सोनम देवी की उम्मीदवारी को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। खासतौर पर तब जबकि समान वोटरों के अंदर बीजेपी ने सेंधमारी की हो। ऐसे में शुरुआती रुझान आने से यह साफ होने लगेगा कि मोकामा का जनादेश किस तरफ जा रहा है। दोपहर होते-होते तस्वीर साफ हो जाएगी। अनंत सिंह के पाले में अगर एक बार फिर जीत जाती है तो यह तय हो जाएगा कि मोकामा में अनंत का फैक्टर था और आगे भी रहेगा। 


3 नवंबर को मोकामा में 53.45 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस वोटिंग को लगभग 2020 के विधानसभा चुनाव जीतना ही माना जा रहा है। ऐसे में यह सवाल भी बना हुआ है कि मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ना या घटना किसके पक्ष या विरोध में जा सकता है? साल 2020 में नीतीश कुमार अनंत सिंह के साथ नहीं थे लेकिन इस बार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी महागठबंधन की उम्मीदवार हैं। उधर अनंत सिंह के समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि जीत केवल औपचारिकता है। अनंत सिंह के पटना आवास पर 1 दिन पहले से ही मिठाई बनाने का सिलसिला शुरू हो चुका था। आज देखना होगा कि सबसे पहले लड्डू कहां बंटता है।