1st Bihar Published by: Updated Sun, 12 Apr 2020 07:56:13 AM IST
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PATNA : पिछले साल आए फ्लैश फ्लड यानी बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई थी कि सरकार के लिए भरपाई कठिन हो गई. अकेले बागमती के तटबंध 8 जगह टूट गए. सरकार को इन टटबंधों को लेकर नई योजना बनानी पड़ी थी. इसके लिए आईआईटी के विशेषज्ञों से अध्ययन कराया गया था और इसके बाद 122 योजनाएं बनाई गई थी.
इस साल तो पिछले साल के टूटे प्रतिबंधों की भी मजबूती नहीं की जा सकी है. ऐसे में बाढ़ का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है. इस साल बाढ़ से बचाव के लिए 122 योजनाएं और कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण अधर में ही लटक गई है. योजनाओं को 15 मई तक पूरा करना था लेकिन लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण सभी योजनाओं का काम बंद हो चुका है. इससे यह साफ दिखता है कि अब यह समय पर पूरा होने वाला नहीं है.
विभाग ने स्थिति पर विचार करने के बाद सभी संबंधित जिलों के डीएम को बाढ़ से जुड़ा काम नहीं रोकने का निर्देश दिया है. डीएम ने निर्देश का पालन किया और कहीं भी काम प्रशासनिक स्तर से नहीं रोका गया. लेकिन एक दूसरी समस्या मजदूरों को लेकर आन पड़ी है. निर्माण एजेंसियों को मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. इसके साथ ही साथ निर्माण सामग्री का भी अभाव है. ऐसे में समय पर काम पूरा कैसे किया जा सकता है. विभाग का कहना है कि 1 मई तक भी काम शुरू हो जाए तो मानसून आने से पहले काम को पूरा कर लिया जाएगा. ऐसे में यदि वक्त रहते सभी योजनाओं पर काम नहीं किया गया तो इस बार भी बाढ़ का खतरा हमारे ऊपर मंडराते रहेगा.