DESK : कोरोना काल महामारी के बीच देश आज 74वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित किया. इस संबोधन में उन्होंने कई बातों का जिक्र किया जिनमें से एक ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान'' है.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान को स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति बताया है. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के कालखंड में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने सिखाई है. उन्होंने कहा कि आज से देश में एक बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और यह है ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन''…
इस नए तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होने की उम्मीद है. तकनीक की मदद से आपकी हर चिकित्सा जांच, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थी, ये सारी जानकारी एक हेल्थ कार्ड में डिजिटली सेव होगी. इससे कोई भी डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री आसानी से देख सकेगा और प्रभावी ढंग से नई बीमारी का इलाज संभव हो सकेगा.
ये एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां आप अपनी मर्जी से रजिस्टर कर सकते हैं. इससे जुड़ने के लिए कोई बाध्यता नहीं होगी. ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान'' के जरिये व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी उसकी सहमति से ही सरकार अपने पास रखेगी. उसकी सहमति से ही रिकॉर्ड साझा किये जायेंगे. इसी प्रकार डॉक्टर्स और अस्पतालों के लिए भी नियम बनाये गये हैं.
आयुष्मान भारत के बाद स्वास्थय से जुडी ये दूसरी योजना है. इसके लिय वित्त मंत्रालय ने 470 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. इसकी शुरुआत पहले देश के चुनिंदा राज्यों में की जायेगी बाद में अलग-अलग चरणों में पूरे देश में लागू किया जायेगा. इसमें हेल्थ आईडी धारकों के डाटा की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जायेगा.