क्या बांग्लादेश ने ढ़ूढ़ लिया कोरोना का इलाज, चार दिन में ही ठीक हो गये 60 मरीज

क्या बांग्लादेश ने ढ़ूढ़ लिया कोरोना का इलाज, चार दिन में ही ठीक हो गये 60 मरीज

DESK : पूरी दुनिया पिछले कई महीनों से कोरोना से बचाव के लिए जी जान से लगी है और कोई रास्ता नहीं मिल रहा. इसी बीच बांग्लादेश के डॉक्टरों ने कोरोना को ठीक करने की दवा ढ़ूढ़ लेने का दावा किया है. बांग्लादेश के डॉक्टरों ने कहा है कि उन्होंने कोरोना संक्रमित 60 मरीजों को अपनी दवा से 4 दिन में ही ठीक कर दिया है.

बांग्लादेश के डॉक्टरों का दावा

बांग्लादेश की एक मेडिकल टीम ने कोरोना का इलाज ढ़ूढ लेने का दावा किया है. इस मेडिकल टीम ने कहा है कि उसने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए रिसर्च किया और इसके बाद नतीजों ने साबित कर दिया है कि उनकी रिसर्च सफल रही. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बांग्लादेश के डॉक्टर दो दवाओं के कॉम्बिनेशन से कोरोना के मरीजों को तेजी से ठीक कर लेने के दावे कर रहे हैं. 

कोरोना को ठीक कर लेने का दावा कर रही बांग्लादेश की मेडिकल टीम में देश के जाने माने डॉक्टर शामिल हैं. बांग्लादेश के सबसे प्रमुख निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल BMCH के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टरों का ये दावा है. इस टीम के हेड डॉक्टर तारेक आलम ने कहा कि उनकी टीम ने रिसर्च किया और पहले से ही मौजूद दो दवाओं के कॉम्बिनेशन को मरीजों पर आजमाया. डॉ तारेक आलम का दावा है कि उनका प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा. 


4 दिन में ठीक हो गये 60 मरीज

बांग्लादेश की इस मेडिकल टीम के मुताबिक उन्होंने दो दवाओं का कॉम्बिनेशन बनाया. इसमें डॉक्सीसाइक्लीन और IVERMECTIN  दवा को शामिल किया गया. डॉक्सीसाइक्लीन एंटीबायोटिक है. जबकि दूसरी दवा IVERMECTIN  प्रोटोजोआ से उत्पन्न इंफेक्शन को ठीक करने के काम आती है. डॉक्टरों का कहना है कि दोनों दवाओं का कॉम्बिनेशन काम कर गया और चार दिन के अंदर 60 मरीज ठीक हो गये. 

मेडिकल टीम के प्रमुख डॉ तारेक आलम के मुताबिक दवा इतनी कारगर साबित हुई कि तीन दिनों के भीतर ही सारे मरीजों के आधी से ज्यादा परेशानी खत्म हो गयी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी जो दूर हो गयी. एक दिन उन सबों की रिपोर्ट निगेटिव आ गयी. खास बात ये भी रही कि मरीजों पर इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं देखने को मिला. 

बांग्लादेशी डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें अपनी रिसर्च के शत प्रतिशत प्रभावी होने का भरोसा है. इस मेडिकल टीम ने बांग्लादेश की सरकार को अपने रिसर्च की जानकारी दी है. ताकि सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इसे सार्वजनिक करे. डॉक्टरों का कहना है कि दूसरे देशों में भी मरीजों के इलाज में ये दवा काफी मदद कर सकती है. गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोरोना के 22 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 320 मरीजों की मौत हो चुकी है.