कुशवाहा बोले: संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के नाम पर नीतीश ने झुनझुना थमाया, सदस्यों के मनोनयन का भी अधिकार नहीं

कुशवाहा बोले: संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के नाम पर नीतीश ने झुनझुना थमाया, सदस्यों के मनोनयन का भी अधिकार नहीं

PATNA: उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू में घमासान थमता नहीं दिख रहा है। आज एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह पर निशाना साधा है। कुशवाह ने कहा कि जेडीयू में उन्हें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष तो बना दिया गया लेकिन उन्हें अध्यक्ष पद का कोई अधिकार नहीं दिया गया। जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अध्यक्ष पद का झुनझुना थमाने का काम किया है। 


उपेंद्र कुशवाह ने कहा कि पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष मुझें जरूर बनाया गया। हमको भी लगता था कि पार्लियामेंट्री बोर्ड का जो दायित्व होता है पार्टियों में होता है उस दायित्वों के निर्वहन का अवरस मुझे भी मिलेगा और पार्टी के कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा कर पाएंगे लेकिन बाद में पता चला कि मुझे झुनझुना थमाया गया। जब संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष की मुझे जिम्मेवारी सौंपी गई उस वक्त पार्टी के संविधान में कुछ नहीं लिया हुआ था लेकिन बाद में संसोधन किया गया।


उसमें यह बात लिखी गई कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों को मनोनीत करेंगे। पार्टियामेंट्री बोर्ड का मनोनयन राष्ट्रीय अध्यक्ष तो करते हैं सही बात है लेकिन बोर्ड के सदस्यों के मनोनयन का भी कोई अधिकार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को नहीं रहेगा। संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बावजूद सदस्यों के मनोनयन का अधिकार नहीं दिया गया। मुझे सदस्यों के मनोनयन का अधिकार भी नहीं दिया गया, इसका क्या अर्थ है।