PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। वही शिक्षकों को अपशब्द बोलने के मामले को पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने शर्मनाक बताते हुए केके पाठक पर कार्रवाई किये जाने की मांग सरकार से की है।
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री व राजद नेता प्रो. चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि "जिस गौरवमयी भारतीय संस्कृति में ब्रह्मा, विष्णु, महेश से भी ऊपर गुरूजनों का स्थान माना गया है। उस देश में एक अधिकारी किस अदृश्य शक्ति के बल पर राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेशों का ना सिर्फ़ अवहेलना करता है, बल्कि गुरूजनों के प्रति अपशब्द बोलने का भी दुस्साहस करता है। यह अत्यंत ही शर्मनाक है। सरकार से ऐसे अधिकारी के विरूद्ध अति शीघ्र कठोर दंडात्मक कार्रवाई की माँग करता हूँ"
वही मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में केके पाठक के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। जिसमें बताया गया है कि शिक्षकों को लेकर दिये गए बयान को लेकर केके पाठक के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है। अधिवक्ता विनोद कुमार ने IPC की धारा 504, 506 के तहत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। सीतामढ़ी के नानपुर निवासी सुधीर झा के पुत्र आशिष कुमार और मुजफ्फरपुर के सरैया थाना निवासी चंद्रमा प्रसाद सिंह के पुत्र विनायक कुमार को इस मामले में गवाह बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार 9:15 में स्कूल खोलकर साफ सफाई करने को लेकर दिये गए बयान के खिलाफ केके पाठक पर अधिवक्ता विनोद कुमार ने IPC की धारा 504, 506 के तहत परिवाद दर्ज कराया है. मामले को लेकर 4 मार्च सुनवाई की तारीख मुकर्रर की गई है. मामले को लेकर परिवादी सह अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी शिक्षिका है, बीते दिनों केके पाठक ने जो शिक्षकों की टाइमिंग को लेकर बयान दिया वो बेहद निंदनीय है, उन्होंने शिक्षकों के लिए गाली वाले शब्द का इस्तेमाल किया जिससे उन्हें बेहद ठेस लगा है.
बता दें, स्कूल की टाइमिंग को लेकर बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने आदेश पर अड़े हुए हैं. गुरुवार को उन्होंने सभी डीईओ और डीपीओ के साथ की वीसी का कहा कि हर हाल में स्कूल सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही चलेंगे.बिहार विधानसभा में आज एक बार फिर केके पाठक को लेकर हंगामा हुआ। केके पाठक के वायरल वीडियो पर दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा किया। वहीं सरकार की ओर से मंत्री विजय चौधरी ने इस संबंध में जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी को सामान्य नागरिक को भी गाली देने का अधिकार नहीं है। ऐसे में शिक्षक या विधायक को कोई अधिकारी कैसे गाली दे सकता है? हमने इस पर घोर आपत्ति जतायी है। अगर सदस्य अपने कथन के पक्ष में ऐसी कोई वीडियो क्लिपिंग दिखाना चाहेंगे तो एक-एक प्रश्न में वीडियो चलने लगेगा। यह परंपरा उचित नहीं होगी।