DELHI : 26 जनवरी के मौके पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली में उपद्रवियों ने जमकर तांडव मचाया. ट्रैक्टर रैली के दौरान कई बार ऐसे समय आये, जब पुलिसवाले और ट्रैक्टर रैली में शामिल लोग आमने-सामने आ गए. दोनों में भिड़ंत हो गई. और इसका नतीजा ये है कि 83 पुलिसवाले इस बड़ी हिंसा में घायल हो गए, जिनमें से 45 पुलिसकर्मियों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.
कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से किसानों में आक्रोश है. किसान दो महीने से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन से एक मैसेज देने के लिए दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाली गई लेकिन इस रैली में जो कुछ हुआ. आज वो सब देश के सामने है. गणतंत्र दिवस के मौके पर बेकाबू किसानों ने लाल किला की प्राचीर से तिरंगा की जगह अपन झंडा तक फहरा दिया, जिसको लेकर आम लोगों में आक्रोश है. लोग सोशल मीडिया के माध्यम से देश को ये बता रहे हैं कि जिन उपद्रवियों ने ऐसा किया, उन्हें माफ़ी नहीं मिलनी चाहिए. समाज में अच्छा मैसेज नहीं गया है.
मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर रैली में कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच भिड़ंत हुई. पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. उपद्रवियों की ओर से पत्थरबाजी की गई और इस रोड़ेबाजी में तक़रीबन 7 दर्जन पुलिसवाले जख्मी हो गए. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के करीब 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं, 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं. कई पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक बताई जा रही है.
राजधानी दिल्ली में इतने उत्पात के बाद हालात अब सामान्य हो रहे हैं. कई मेट्रो स्टेशन के गेट खुल गए हैं. दिल्ली गेट, आईटीओ, जामा मस्जिद, रोहिणी सेक्टर 18, आजादपुर और मॉडल टाउन के एंट्री और एग्जिट गेट को खोल दिया गया है. दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद हरियाणा अलर्ट पर है. सोनीपत, झज्जर और पलवल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इससे पहले डीजीपी ने जवानों को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का निर्देश जारी किया था.