DELHI : 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान आंदोलन की आड़ में जबरदस्त हिंसा हुई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है, सोशल मीडिया में लोग उसे गलत ठहरा रहे हैं. किसानों की ट्रैक्टर रैली ने अराजकता का रूप ले लिया है.
कुछ असामजिक तत्वों ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की है. कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली है.
ट्रैक्टर रैली में शामिल बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शनकारी और बुजुर्ग किसान लालकिले तक पहुंचे गए.
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर पहुंचे हजारों प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर किसान आंदोलन का झंडा लगा दिया, जहां स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री झंडोतोलन करते हैं.
आपको बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर बैरेकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली के अंदर घुसकर जबरन तोड़फोड़ की. जिससे समाज में एक गलत मैसेज गया. सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध किया है. लोग इसे गलत ठहरा रहे हैं.
सेंट्रल दिल्ली के आईटीओ में प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए. लेकिन, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को तोड़कर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की.
हालांकि, किसानों के उग्र प्रदर्शन से किसान नेता ने पल्ला झाड़ लिया है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें हिंसक घटना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है.
राकेश टिकैत ने कहा कि रैली शांतिपूर्ण हो रही है. मुझे हिंसा के बारे में जानकारी नहीं है.
आपको बता दें कि सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक और नांगलोई में इंटरनेट सेवा को आज रात 12 बजे तक बंद कर दिया गया है.