PATNA: दलित मतदाताओं को गोलबंद करने के उद्देश्य से जेडीयू पटना में भीम संसद आयोजित कर रही है। दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग इस भीम संसद में शामिल होंगे। इसी बीच पटना पहुंचे लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू पर बड़ा हमला बोला है। चिराग ने कहा है कि जिस पार्टी का नेता की मानसिकता दलित विरोधी है वह पार्टी खुद को दलितों का बड़ा हितैषी बता रही है। नीतीश ने भरी सदन में दलित समाज के नेता जीतन राम मांझी के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह मुख्यमंत्री की मानसिकता को दर्शाता है।
चिराग पासवान ने कहा है कि जेडीयू भीम संसद कर रही है यह अच्छी बात है लेकिन उस भीम संसद में यह भी बताए कि बिहार में दलितों पर जो अत्याचार हो रहा है, क्या इसका जवाब उसके पास है? बिहार में आए दिन दलितों की हत्याएं हो रही हैं, चुन चुनकर दलित युवकों की गला रेतकर हत्या की जा रही है। दलित बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं हो रही हैं। चौकीदार का काम करने वाले दलित समाज के लोगों की हत्याएं की जा रही हैं। जेडीयू जब भीम संसद कर रही है तो क्या इन बातों का जवाब उसके नेताओं के पास है।
उन्होंने कहा कि प्रमोशन नें रिजर्वेशन को रोक दिया जाता है। बाकि सभी समुदाय के लोगों को प्रमोशन किया जाता है लेकिन दलित समाज से आने वाले लोगों का प्रमोशन में रिजर्वेशन को रोक दिया जाता है, क्या इसका जवाब जेडीयू के पास है। बिहार में पिछले 18-19 वर्षों में जब से नीतीश कुमार की सरकार है, हर कोई नीतीश कुमार की दलित विरोधी सोंच रही है। मुख्यमंत्री ने भरी सदन नें जिस तरीके की भाषा का इस्तेमाल दलित समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ की, उसे सभी लोगों ने देखा और सुना है। ऐसे में भीम संसद कर दिखावा किया जा रहा है कि जेडीयू दलितों की हितैषी है।
चिराग ने कहा कि सरकार दिखावा करती है कि वह एससी-एसटी समाज की सबसे अधिक चिंता उसे है। ये वहीं नीतीश कुमार हैं जिन्हों ने अनुसूचित जाति के समाज में बंटवारा करने का काम किया था। उसे दलित और महादलित में बांटने का काम किया था। सभी दलितों को तीन डिसमील जमीन देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि अगर दलित समाज से आने वाले किसी परिवार के सदस्य की हत्या होती है तो उसके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि ऐसे कितने लोगों को सरकारी नौकरी दी जिनके परिवार में हत्याएं हुई हैं।