खुद को बतात्ते हैं बड़े सनातनी तो संस्कृत विद्यालय की करें मदद, बोले JDU नेता ... बिहार को नहीं करना मोहम्मद योगी का अनुसरण

खुद को बतात्ते हैं बड़े सनातनी तो संस्कृत विद्यालय की करें मदद, बोले JDU नेता ...  बिहार को नहीं करना मोहम्मद योगी का अनुसरण

PATNA : यदि बिहार में मदरसों की बाढ़ आ गई है तो गिरिराज सिंह कभी संस्कृत विद्यालय में दर्शन दिए हैं या नहीं। हम लोग सभी की विरासत संभालने वाले लोग हैं। मैं तो उनसे कहना चाहता हूं कि बिहार में मदरसे को तो आप अवैध बोलते हैं तो कम से कम संस्कृत विद्यालय पर आप ध्यान दे दीजिए। आप खुद को बहुत बड़े सनातनी बताते हैं तो इसी पर ध्यान दे दीजिए। यह बातें जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने कही है।


जदयू एलएलसी नीरज कुमार ने कहा कि-  भारत सरकार में ऐसे लोग बैठे हैं जो मदरसा में और संस्कृत विद्यालय में पहले से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई करते हैं उनका स्कॉलरशिप तक छीन लिया। ये लोग पहले खुद को बहुत बड़े सनातनी बताते हैं तो पहले  संस्कृत विद्यालय के लिए ही कुछ अच्छा काम कर देते हैं, लेकिन इनलोगों से वो काम भी नहीं होगा।


गिरिराज सिंह हमको बताएं कि कहां अवैध और मदरसा बना हुआ है। हमको वह बताएं कि उन्होंने कहां से तैयार किया है अवैध का परिभाषा। बांझ जाने प्रसव का पीड़ा। कभी संस्कृत विद्यालय गए नहीं मदरसा गए नहीं और ज्ञान दे रहे हैं कि अवैध है। अवैध और वेद कौन होता है यह पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आने दीजिए उसके बाद आपको मालूम चल जाएगा।


वही मंदिर और मस्जिद के सर्वे को लेकर गिरिराज सिंह की तरफ से उठाए जाने सवाल पर नीरज कुमार ने कहा कि हम नहीं करेंगे उसे तरह का सर्वे क्योंकि उत्तर प्रदेश में सिर्फ सूर्यास्त होता है वहां छठ पूजा में 1 दिन का छुट्टी देता है हम लोग 3 दिन की छुट्टी दिन देते हैं। हम दशहरा में लोगों को 3 दिन की छुट्टी देते हैं वह दो दिनों की छुट्टी देते हैं तो हम उनका अनुसरण क्यों करेंगे। नाथ संप्रदाय में मोहम्मद योग पढ़ना है मोहम्मद योगी को अगर वह पढ़ कर बता दे तो फिर मैं उस पर विचार करूंगा।


भाजपा जब सत्ता से हटी तो हम यह कह रही है कि बिहार को इस्लामी राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है तो 2019 में बिहार में शुक्रवार को स्कूल बंद करने का फैसला हो रहा था तो उसे समय आप ताली बजा रहे थे। हम धर्म के आधार पर चीजों को तय नहीं करते हैं बल्कि संविधान के आधार पर चीजों को तय करते हैं लेकिन आप ना धर्म के हैं ना संविधान के हैं।