PATNA : बिहार सरकार ने खासमहल की जमीन पर सख्ती करने का फैसला कर लिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने साफतौर पर कह दिया है कि मूल लीजधारक के वंशजों का इस जमीन पर कब्जा कायम रहेगा. बाकी लोग बेदखल हो जाएंगे. क्योंकि ऐसे लोग लीज की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं. पहले चरण में पटना की खासमहाल की जमीन का सर्वे हो रहा है. जल्द ही राज्य के अन्य शहरों में सर्वे होगा. पटना सहित 12 जिलों में खासमहाल की जमीन है। कुल रकबा 37 सौ एकड़ के करीब है.
मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि वैसी लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जिनके पुरखों के नाम से खासमहल की लीज है. उनकी लीज नवीकृत होगी. इसमें परिवार के अन्य सदस्यों के दावे को भी स्वीकार किया जाएगा. लेकिन, लीज की शर्तों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. लीज रद्द की जा सकती है. लीज की प्रमुख शर्त यह है कि जमीन का सिर्फ आवासीय उपयोग होगा.
इसके अलावा जमीन का व्यवसायिक या अन्य उपयोग नहीं होगा. जबकि बड़े पैमाने पर जमीन के व्यवसायिक उपयोग की शिकायत आ रही है. लीज की जमीन बेचने का मामला भी सामने आया है. मंत्री ने कहा कि नाजायज तरीके से खासमहल की जमीन खरीदने वाले बचेंगे नहीं. उन्हें बेदखल होना होगा. सर्वे में यह जांच हो रही है कि किसी आवासीय परिसर में लीज की शर्तों का उल्लंघन तो नहीं किया गया है.
खासमहल के बारे में बता दें कि अंग्रेजों के जमाने में सरकारी अधिकारियों, डाक्टरों, जजों, वकीलों एवं अन्य प्रभावशाली लोगों के आवास के लिए लीज के आधार पर जमीन का आवंटन किया गया था. पटना में कांग्रेस के कुछ प्रभावशाली नेताओं के नाम से भी आवंटन है. लीज की मियाद 33 से 99 साल के लिए थी. आवंटन 1915-20 के बीच हुआ. राज्य सरकार ने बीच बीच में लीज का नवीकरण भी किया. लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो लीज की मियाद समाप्त होने के बाद भी रह रहे हैं. उनकी संख्या भी कम नहीं है, जिन्होंने नाजायज तरीके से यह जमीन बेच दी. जमीन पर व्यवसायिक कारोबार भी हो रहा है. यह लीज की शर्तों का उल्लंघन है.