BAGHA : खेतों में पराली जलाने के मामले में कृषि विभाग ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने बगहा जिले के 64 किसानों का रजिस्ट्रेशन विभाग ने रद्द कर दिया है। ये सभी सेटेलाइट से खेतों में पराली जलाते समय पकड़े गए थे। किसानों का रजिस्ट्रेशन विभागीय पोर्टल पर रद्द करने को लेकर कृषि निदेशक ने डीएओ प्रवीण कुमार राय को पत्र भेजा है। इस लिस्ट में जिले के कई प्रखंडों के करीब 64 किसानों का नाम शामिल है।
मिली जानकारी के मुताबिक़, जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन विभागीय पोर्टल पर रद्द करने का निर्देश दिया गया है। उसमें सबसे अधिक 39 किसान मैनाटाड़ में पराली जलाते पकड़े गये हैं। वहीं बगहा दो के सात, बगहा एक व मधुबनी के तीन-तीन, गौनाहा, बेतिया, योगापट्टी, नौतन, रामनगर, सिकटा के एक-एक, नरकटियागंज पिपरासी और लौरिया के दो-दो किसानों को खेतों में पराली जलाते हुए चिन्हित किया गया है। इन सभी किसानों के निबंधन को विभागीय पोर्टल पर रद्द किया जाएगा। इसके बाद इन किसानों को कृषि योजनाओं से वंचित होना पड़ेगा।
पराली जलाते हुए पकड़े गये किसानों को अगले तीन साल तक कृषि विभाग की योजना से वंचित कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन रद्द होते ही कृषि विभाग के अनुदान सहित बीज, यंत्रीकरण समेत किसी भी योजना का लाभ ये किसान नहीं ले पाएंगे। प्रखंड बगहा दो के बीएओ राजकुमार ने बताया कि किसानों को खेतों में पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण फैल रहा है, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है। खेतों में पराली जलाने के दौरान सूक्ष्म पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं। इससे उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है। किसान खेतों में पराली नहीं जलाएं, उसका प्रबंधन करें। पराली प्रबंधन के लिए उपकरणों पर 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। किसान इसका लाभ उठाएं। पराली प्रबंधन करने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। इसको लेकर कृषि कर्मी जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके बावजूद पराली जलाई तो विभाग कार्रवाई करेगा।