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18-Nov-2022 09:49 AM
KHAGARIA : खगड़िया में महिलाओं को बिना बेहोश किए ऑपरेशन मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बड़ा संज्ञान लिया है। आयोग के तरफ से बिहार के मुख्य सचिव को लेटर लिखा गया है। पत्र में महिलाओं के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार के लिए एक्शन लेने की मांग की है। दरअसल, यहां लगभग 50 महिलाओं को बिना बेहोश किये या एनेस्थीसिया दिये ऑपरेशन कर दिया गया था। महिलायें दर्द से बिलबिलाती रहीं तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनका हाथ पैर पकड़ कर मुंह में रूई ठूंस दिया था ताकि वे चीख-चिल्ला नहीं सके।
जब इस मामले पर हंगामा तेज़ हुआ तब अधिकारियों की नींद खुली। कल यानी गुरुवार को सिविल सर्जन मामले की जांच करने अलौली पहुंचे थे। उन्होंने जांच करने की बात कही थी। उनके तरफ से यह भी कहा गया था कि मामले की जांच होगी और जो भी इसमें दोषी होंगे इसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। वहीं, अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मुख्य सचिव को लेटर लिखकर जांच की मांग कर दी है।
गौरतलब है कि खगड़िया जिले के दो प्रखंडों में सरकार की ओर से महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए कैंप लगाया गया था। दोनों प्रखंडों में सरकारी कैंप में पहुंची महिलायें अपनी आपबीती सुना रही हैं। महिलाओं ने बताया कि उन्हें बिना सुन्न किए यानि बगैर एनेस्थीसिया दिए नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया। इस दौरान जब वह दर्द से चिल्लाने लगीं तो उनका मुंह दबाकर बंद कर दिया गया। महिलाओं का कहना है कि सरकार के नसबंदी शिविर में ऑपरेशन का कोई इंतजाम ही नहीं था। एनेस्थीसिया न होने के कारण ऑपरेशन के दौरान मेडिकल स्टॉफ ने महिलाओं के हाथ, पैर कसकर पकड़ लिए और मुंह में रूई ठूंसकर बंद कर दिया ताकि चीख न सकें। इसी अमानवीय तरीके से लगभग 50 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया।