PATNA: बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन केंद्रीय टीम कर रही है। दो दिवसीय दौरे पर आई केंद्रीय टीम के समक्ष बिहार सरकार ने अपनी मांगे रखी है। बाढ़ से हुई क्षति के आकलन का विस्तृत ब्यौरा दिया सरकार ने केन्द्रीय टीम को देते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की। बाढ़ से अबतक कुल 3763.85 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
सबसे अधिक नुकसान जल संसाधन विभाग को हुआ है। बाढ़ में 1469.99 करोड़ खर्च से निर्मित बांध बह गए हैं। बिहार में आई बाढ़ से राज्य की 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। जिसका आकलन केंद्रीय टीम करेगी। आज पहले दिन राज्य सरकार ने केंद्रीय टीम के समक्ष बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा रखा।
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को जो ब्यौरा दिया उसके तहत 26 जिलों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़ से अब तक राज्य सरकार को 3763.85 करोड़ का नुकसान हो चुका है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ राहत पर अबतक 1168.69 करोड़ खर्च किए हैं। राज्य की 20 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
बाढ़ की वजह से 1469.99 करोड़ रुपये के बांध पानी में बह गये। 234.70 करोड़ की बनी ग्रामीण सड़कें भी पानी के बहाव में बह गयी। इससे पथ निर्माण विभाग को 203.14 करोड़ का नुकसान हुआ तो वही किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग को 661.16 करोड़ का नुकसान हुआ है। वही ऊर्जा विभाग को 14.37 करोड़, पीएचईडी विभाग को 7.66 करोड़, पशुपालन विभाग को 4 करोड़ का नुकसान हुआ है। वही आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ राहत कार्य पर 1168.69 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
गौरतलब हो कि कई जिलों में बाढ़ से घर बर्बाद हो गए तो कहीं हजारों एकड़ में लगी फसल ही डूब गई। इसे देखते हुए बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम दो दिवसीय दौरे पर आज बिहार पहुंची है। केंद्रीय टीम से पहले बिहार सरकार ने अपने स्तर से बिहार को बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करवाया है।
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक बिहार में बाढ़ की वजह से कई जिले प्रभावित हुए हैं। लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सर्वेक्षण कर रहे थे। कई जगहों पर लोगों ने तो रोते हुए मुख्यमंत्री को अपनी समस्या सुनाई थी। लगातार विपक्ष भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था। अब केंद्रीय टीम के दौरे और रिपोर्ट के बाद यह साफ होगा कि आखिर बिहार में बाढ़ की तबाही से कितने का नुकसान हुआ है।
गौरतलब हो कि नेपाल में एक बार फिर शुरू भारी बारिश के कारण वहां से बिहार आ रहीं नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने उत्तर बिहार के सभी जिलों को हाई अलर्ट कर दिया है. जल संसाधन विभाग ने खासकर मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिलों में तटबंधों की निगरानी का आदेश दिया है.
उत्तर बिहार के साथ-साथ सीमांचल और पूर्वी बिहार में भी नदियां उफाना रहीं हैं. भागलपुर और मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. पूरे बिहार की बात करें तो गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, महानंदा नदी सहित 10 प्रमुख नदियां अभी भी कई जगह खतरे के निशान के ऊपर हैं और बाढ़ के पानी में डूबकर अभी तक 53 लोगों की मौत की सूचना मिल चुकी है। आकलन में लगभग चार हजार करोड़ का नुकसान बिहार को बाढ़ से हुआ है जिसकी रिपोर्ट बिहार केंद्र को भेजेगी।