केंद्रीय मंत्री नहीं बनाये जाने से गुस्साए ललन ने लालू से मिलाया हाथ, बोली BJP..वे हटे नहीं, हटाये गये हैं..इसलिए पार्टी में है जश्न का माहौल

केंद्रीय मंत्री नहीं बनाये जाने से गुस्साए ललन ने लालू से मिलाया हाथ, बोली BJP..वे हटे नहीं, हटाये गये हैं..इसलिए पार्टी में है जश्न का माहौल

PATNA: अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह के साथ पटना पहुंच गये हैं। नीतीश के पटना पहुंचने के बाद बीजेपी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नहीं बनाये जाने से गुस्साएंं ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाया। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि जिसने लालू को जेल भिजवाया, सीबीआई को सबूत सौंपे वही राजद के एजेंट क्यों बन गये? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भ्रमित कर ललन सिंह ने एनडीए तोड़वाया। बीजेपी नेता ने कहा कि ललन सिंह हटे नहीं है बल्कि हटाये गये हैं। इसीलिए आज जेडीयू में जश्न का माहौल है। 


पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र में मंत्री नहीं बनाये जाने के गुस्से में बदला लेने के भाव से ललन सिंह ने लालू प्रसाद से नजदीकी बढायी, भाजपा से गठबंधन तोड़वाया, आरसीपी सिंह को पार्टी से निकलवाया और जदयू को लगभग बर्बाद कर दिया। सारा खेल कुर्सी का था।


सुशील मोदी ने कहा कि भले ही ललन सिंह सच से इनकार करें और मीडिया को कानूनी कार्रवाई की धमकी दें, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाने की हताशा से वे उबर नहीं पाए। उनके पूरी राजनीति प्रतिशोध से भरी रही। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जिस चारा घोटाला के चार मामलों में सजाएँ हुईं और वे चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिये गए, उस मामले में याचिकाकर्ता ललन सिंह भी थे।


सुशील मोदी ने कहा कि लालू परिवार के विरुद्ध नौकरी के बदले जमीन मामले में सारे दस्तावेजी सबूत ललन सिंह ने ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह तक पहुँचाये थे। सीबीआई उसी के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि जो ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानकारी में लालू प्रसाद को जेल भिजवाने के लिए सारे तिकड़म कर रहे थे, वही जुलाई-अगस्त 2022 से लालू प्रसाद के इतने करीब क्यों होते चले गए?


ललन सिंह ने नीतीश कुमार को भ्रमित कर एनडीए तोड़ा, भाजपा के विरुद्ध जहर फैलाया और जदयू के कई कद्दावर नेताओं को किनारे लगा दिया। यदि ललन सिंह की राजनीति से पार्टी का आम कार्यकर्ता संतुष्ट होता, तो उनके हटने पर दीवाली नहीं मनायी जाती। भाजपा ने 2019 और 2020 के चुनाव जदयू को साथ लेकर लड़े थे, इसलिए जदयू के अधिकतर विधायक-सांसद राजद से नहीं, भाजपा से गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन ललन सिंह के डर से वे बोल नहीं पाते थे।


उन्होने कहा कि ललन सिंह का भीतरघात एक्सपोज हो गया, जिससे जदयू को चुनाव से पहले अपना संगठन ठीक करने और लालू-वायरस से मुक्ति पाने का समय मिल जाएगा। सुशील मोदी ने कहा कि ललन सिंह हटे नहीं, हटाये गए, लेकिन सच छिपाने के लिए वे संसदीय क्षेत्र में समय देने के लिए अध्यक्ष-पद छोड़ने की बात कह रहे हैं। इस पर कौन भरोसा करेगा?