केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया खेती के लिए ड्रोन टेक्नॉलजी का डेमो प्रदर्शन, बोले.. कृषि के लिए ड्रोन का इस्तेमाल एक अच्छा मिसाल

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया खेती के लिए ड्रोन टेक्नॉलजी का डेमो प्रदर्शन, बोले..  कृषि के लिए ड्रोन का इस्तेमाल एक अच्छा मिसाल

BEGUSARAI : बेगुसराय में शनिवार को वनद्वार कोठी में केंद्रीय मंत्री और बेगुसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने ड्रोन टेक्नॉलजी का खेती में इस्तेमाल पर एक डेमो प्रदर्शित किया। इसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज तकनीक का जमाना है। देश के प्रधानमंत्री ने एक तरफ प्राकृतिक खेती पर जोर दिया वही दूसरी तरफ इनोवेशन पर भी जोर दिया। कृषि में हम ड्रोन का इस्तेमाल फलदार पेड़ों में छिड़काव, नैनो फर्टिलाइजर्स या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में कर सकते हैं। आज हमने मल्टीप्लेक्स कंपनी जो बेंगलुरु का है उस मल्टीप्लेक्स कृषि में जो ड्रोन का उपयोग कर रहा था उन्हें बेगूसराय में पहली बार बिहार के धरती पर उपयोग किया जा रहा है।


इस मौके पर गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि मुझे खुशी है कि 60 से 70  दशक के इर्द-गिर्द हरित क्रांति आया। बिहार में बेगूसराय कृषि के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा। ये एक अच्छा मिशाल है। उन्होंने बताया कि हम जीविका दीदी जो सेल्फ हेल्प ग्रुप की बहने हैं उन के माध्यम से ड्रोन का प्रयोग कर उनके खेतों में और गांव के खेतों में सेवा देने का काम किया जाएगा. इसके लिए रविवार को जीविका दीदियों को छोटे ड्रोन पर ट्रेनिंग दिलवाया जाएगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में ये रोजगार का अवसर देगा। उन्होंने कहा कि जो दवा छिड़काव के लिए हम जाते हैं तो हमारी सांस पर और हमारे शरीर पर इसका असर पड़ता है। उससे पैसा भी बचेगा और समय भी बचेगा।


उन्होंने कहा कि इस तकनीक का उपयोग करके यहां से बैठे-बैठे किस प्लॉट में छिड़काव करना है, उसी प्लॉट में दवा का छिड़काव कर खाद बीज दाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेगूसराय में आजीविका मिशन के दीदियों द्वारा ड्रोन  को उड़ाने का काम करवाया जाएगा। इसके लिए जीविका दीदी का हाथ उसपर बैठने लगा है। उन्होंने कहा कि गांव के किसान पहले कंप्यूटर नहीं चलाते थे। आज गांव के नौजवान कंप्यूटर पर हाथ चलाने लगे हैं। उसी तरह से मुझे खुशी है कि जीविका की दीदी खेती से जुड़ी हुई है। देश में दो करोड़ महिला खेती कर रही हैं और बेगूसराय में भी लगभग एक लाख से ऊपर महिला कृषि से जुड़ी हुई है।