केंद्र और बिहार सरकार के बीच राशन विवाद अब जनसंख्या के आंकड़े तक पहुंचा, राज्य सरकार 30 लाख परिवारों के लिए अनाज पर अड़ी

केंद्र और बिहार सरकार के बीच राशन विवाद अब जनसंख्या के आंकड़े तक पहुंचा, राज्य सरकार 30 लाख परिवारों के लिए अनाज पर अड़ी

PATNA : कोरोना संकट के बीच केंद्र और बिहार सरकार के दरमियान राशन को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ आज सभी राज्यों के खाद्य उपभोक्ता मामले के मंत्रियों की बैठक थी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में बिहार सरकार ने एक बार फिर से केंद्र के सामने राज्य के लिए 30 लाख परिवारों को अनाज मुहैया कराने की मांग रखी.


बिहार सरकार की तरफ से मंत्री मदन सहनी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सामने यह मांग रखी कि बिहार को बड़े हुए परिवारों के आंकड़ों के हिसाब से राशन मुहैया कराया जाये. बिहार सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के हिसाब से राशन मुहैया करा रही है, जबकि देश के साथ-साथ बिहार की आबादी भी पिछले 9 वर्षों में काफी बढ़ी है. मंत्री मदन सैनी ने दावा किया है कि 2011 में बिहार की जनसंख्या लगभग 10 करोड़ थी लेकिन आज यह बढ़कर लगभग 12 करोड़ 30 लाख चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार को और ज्यादा परिवारों के लिए राशन चाहिए.


बिहार सरकार लगातार यह मांग कर रही है कि उसे 14 लाख परिवारों की बजाय 30 लाख परिवारों के लिए राशन मुहैया कराया जाये. दरअसल यह सारा विवाद चिराग पासवान के एक ट्वीट के बाद शुरू हुआ था. जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से 14 लाख परिवारों का आंकड़ा उपलब्ध कराने को कहा था. राज्य सरकार ने उसके बाद 14 लाख परिवारों का आंकड़ा उपलब्ध करा दिया और केंद्र सरकार 2769.98 टन अनाज के आवंटन को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने खुद कहा था कि 14 लाख लाभार्थियों के लिए इस राशन का आवंटन किया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार का तर्क है कि इतने अनाज में केवल 5 लाख लोगों तक की राशन पहुंचाया जा सकता है.



राशन को लेकर लगातार केंद्र और राज्य आमने-सामने है और अब एक बार फिर से मंत्री मदन सहनी ने केंद्र के सामने 30 लाख परिवारों के लिए अनाज की दावेदारी की रखी है, हालांकि रामविलास पासवान ने आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद खुद इस बात की जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की तरफ से आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मुफ्त अनाज और चना देने की घोषणा प्रवासी और फंसे हुए प्रवासियों के अलावे ऐसे जरूरतमंदों के लिए भी की गई है. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. सभी राज्य सरकारों को इस बारे में स्पष्ट कर दिया गया है लेकिन बिहार सरकार का तर्क है कि राज्य सरकार को भले ही फिलहाल मुफ्त अनाज आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मिल जाएगा, लेकिन इसके बाद अगर आवंटन का कोटा नहीं बढ़ा तो राज्य को मुश्किलें होंगी.