GAYA: मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना..गया जिले के एक हिन्दू युवक अमरजीत सिन्हा ने कौमी एकता की मिसाल कायम किया है। रमजान के पावन महीने में हिंदू होकर वो 10 साल से रोजा रखता है और तीन वक्त का नमाज अदा करता है। वही हर शाम मुस्लिम भाईयों के साथ रोजा खोलता है और साथ बैठकर इफ्तार भी करता है।
हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का बेहतरीन उदाहरण बिहार के गया से सामने आया है। जहां दोनों समुदायों के लोगों को भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देता है। गया के महारानी रोड निवासी अमरदीप कुमार सिन्हा हिंदू होते हुए भी पिछले 10 साल से रमजान में रोजा रखते आ रहे हैं। अमरदीप सिन्हा तीन वक्त का नमाज भी अदा करता हैं। अमरदीप पूरी श्रद्धा से इबादत करता हैं और शाम में इफ्तार भी करता है।
रोजा करने के पीछे भी एक कहानी है वो यह कि एक बार मुसीबत के समय में कुछ मुस्लिम दोस्तों ने उसे रोजा रखने की सलाह दी थी। जिसे मानकर रमजान में वो रोजा रखने लगा। ऐसा कर वह पूरे देश में अमन चैन और भाईचारा बनाए रखने के लिए खुद से दुआ करता है और उनकी दुआ भी खुदा ने कबूल की। इसके बाद अमरदीप कुमार लगातार10 सालों से रोजा रख रहा है।
इसमें परिवार और दोस्त भी पूरा साथ देते हैं। इसके साथ ही साथ वह हिंदू त्यौहार को भी उतनी ही श्रद्धा के साथ मनाता हैं। हाल ही में नवरात्र भी मनाया और रमजान में रोजा भी कर रहा है। उनके मुस्लिम दोस्त शहजाद अंसारी ने बताया कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा देने वाली यह बात है।
हिंदू होते हुए भी रोजा रखकर अमरदीप ने पूरे देश में मिसाल कायम किया है। शायद यह पहला हिन्दू होगा जो रमजान में रोजा रखकर पूरे देश के लिए अमन चैन की दुआएं मांग रहा है। यह देश के लिए गर्व की बात है उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम का यह अनूठा मिसाल है इससे पूरे देश में भाईचारे का संदेश जाता है इसी तरह से पूरे देश में अमन चैन बना रहे वो भी अल्लाह से गुजारिश करता है।ो