कंगाली के कगार पर पाकिस्तान, चीन की दोस्ती भी नहीं आई काम, बस 18 ही दिन हो पाएगा गुजारा

कंगाली के कगार पर पाकिस्तान, चीन की दोस्ती भी नहीं आई काम, बस 18 ही दिन हो पाएगा गुजारा

DESK : पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब केवल तीन अरब डॉलर से थोड़ा ज्यादा ही रह गया है। इतने पैसे में पाकिस्तान अब कुछ दिन ही गुजारा कर पाएगा। पाकिस्तान आईएमएफ से बेलआउट पैकेज के लिए बात कर रहा है। और पाकिस्तान और आईएमएफ की बातचीत पटरी से उतर गई तो पाकिस्तान को कंगाल होने से कोई नहीं बचा पाएगा।  


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने आईएमएफ ( अंतरराष्ट्री. मुद्रा कोष) से बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत शुरु तो कर दी है, लेकिन इधर, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा तेजी से खत्म होते जा रहा है। अगर आईएमएफ ने जल्द से जल्द पाकिस्तान को लोन नहीं दिया तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा। बता दें कि, पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। अब पाकिस्तान के पास केवल 3.98 अरब डॉलर ही बचा है। विश्र्लेषकों की मानें तो इतने पैसे में पाकिस्तान केवल तीन हफ्ते ही गुजारा और जरुरी आयात कर पाएगा। 


स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार  जनवरी के अंतिम सप्ताह में 16.1 प्रतिशत घट गया है। साथ ही कहा कि विदेशी मुद्रा में गिरावट विदेशी कर्ज को चुकाने के कारण हुई है। अगर पाकिस्तान और आईएमएफ की बातचीत सफल होती है तो पाकिस्तान को विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज के लिए हरी बत्ती मिल जाएगी। एसबीपी का कहना है कि देश के वाणिज्यिक बैंकों के पास फिलहाल 5.65 अरब डॉलर है जिसे लेकर देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर हो रहा है. 


आपको बता दें कि, पाकिस्तान के अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय निवेश फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड ने कहा कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 2014फरवरी के बाद से सबसे कम है और अब पाकिस्तान केवल 18 दिनों तक ही आयात कर पाएगा। साथ ही एएचएल में रिसर्च हेड ताहिर अब्बास ने कहा, 'देश को  संकट से बचने के लिए जल्द से जल्द आईएमएफ प्रोग्राम को शुरू करना होगा.देश को डॉलर की सख्त जरूरत है' 


आपको बताते चलें कि, पाकिस्तान 9 फरवरी तक आईएमएफ से बेलआउट पैकेज को लेकर बात करने वाला है। पिछले कुछ दिन पहले भी पाकिस्तान में आईएमएफ की टीम आई थी, जो पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बचाने के लिए 7अरब डॉलर का प्रोग्राम बनाई जिसमें पाकिस्तान के सामने कई कड़े शर्तों को रखी थी, जिसके बाद पाकिस्तान आईएमएफ के प्रोग्राम में जाने से पीछे हट रहा था, लेकिन अब पाकिस्तान के आगे कोई रास्ता नहीं बचा है। पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में विनिमय दर पर एक कैप को हटा दिया जिससे गुरुवार को पाकिस्तानी रुपया 0.93% गिरकर डॉलर के मुकाबले 271.36 रुपये के ऐतिहासिक गिरीवट पर बंद हुआ। वहीं जुलाई में शुरू हुए वित्तीय वर्ष की तुलना में रुपया 24.51% नीचे आ गया है।  शहबाज शरीफ सरकार ने ईंधन की कीमतों में भी 16% की बढ़ोतरी कर दी है