PATNA: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत कल यानी सोमवार से होने वाली है। सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार कई विधेयक भी पास कराएगी। 6 नवंबर से शुरू होकर आगामी 10 नवंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने तैयारी में हैं। जातीय गणना और शिक्षक बहाली को लेकर सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।
दरअसल, सोमवार से शुरू होने वाला विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने का आसार है। विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरनी की रणनीति बना रहा है। खासकर बिहार में जातीय गणना और शिक्षक बहाली के मुद्दे लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के साथ साथ एनडीए में शामिल दल सरकार को घेर सकते हैं। विपक्षी दल जातीय गणना और शिक्षक बहाली में गड़बड़ी का आरोप सरकार पर लगा रहे हैं। इसके साथ ही साथ अपराध की घटनाओं को लेकर भी विपक्षी दल सरकार पर हमले बोल रहे हैं।
बिहार सरकार जातीय गणना और शिक्षक बहाली को अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि बता रही है हालांकि बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दल जातीय गणना और शिक्षक बहाली में बड़ी गड़बड़ी और हेराफेरी का आरोप लगाकर इसकी जांच कराने की मांग कर रहे हैं। जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजिक होने के बाद विपक्षी दल सरकार पर आंकड़ों से खेल करने का आरोप लगा रहे थे। इसको लेकर खूब राजनीति भी हुई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार ने कुछ खास जाति की संख्या को बढ़ाकर दिया और अन्य जातियों की संख्या को कम कर दिखाया गया।
इधर, ताजा मामला शिक्षक बहाली का है, जिसमें घोटाले का आरोप लगाते हुए विपक्ष हमलावर है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने बिहार के युवाओं के साथ अन्याय कर दूसरे राज्यों के लोगों को शिक्षक बना दिया। इसके साथ बहाली के आंकड़े को भी विपक्ष गलत बता रहा है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने तो यहा तक कह दिया कि पैसे लेकर अभ्यर्थियों की बहाली हुई है। शिक्षक बहाली को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में भारी हंगामें के आसार दिख रहे हैं।