PATNA : कब्रिस्तान और श्मशान के मुद्दे को लेकर आज बिहार विधानसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला है. दरअसल, विधानसभा में कब्रिस्तान की घेराबंदी का मामला उठा तो बीजेपी विधायकों ने शमशान की घेराबंदी के लिए नीति बनाने की मांग रख दी. बीजेपी के फायरब्रांड विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने विधानसभा में इस बात को उठाया कि कब्रिस्तान की घेराबंदी की जा रही है तो श्मशानों की घेराबंदी सरकार क्यों नहीं करा रही. बचौल की तरफ से जब यह मांग उठी तो बीजेपी के दूसरे विधायकों ने भी इस मसले पर सदन में सरकार से जवाब मांगना शुरू कर दिया.
बीजेपी विधायक यह मांग कर रहे थे कि कब्रिस्तान की घेराबंदी के तर्ज पर श्मशान घाटों के साथ-साथ मंदिरों की घेराबंदी भी कराई जाए. इसके बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार उन कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाती है, जहां विवाद होने की आशंका होती है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति में कहीं भी इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि श्मशान घाटों की घेराबंदी करवाई जाए इसके बाद बीजेपी विधायक और ज्यादा आक्रामक हो गए.
सदन में श्मशान और कब्रिस्तान को लेकर काफी देर तक शोर-शराबा चलता रहा. इस दौरान बीजेपी कोटे से बिहार के डिप्टी सीएम किशोर प्रसाद अपनी पार्टी के विधायकों को बैठने का इशारा करते रहे लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के विधायक के नहीं माने उनकी तरफ से कहा जाता रहा कि सरकार जब कब्रिस्तान की घेराबंदी करवा सकती है तो उस श्मसानों की घेराबंदी क्यों नहीं करवाई जा सकती.
बता दें कि सबसे पहले शमीम अहमद ने सवाल उठाते हुए गृह विभाग से पूछा है कि नरकटियागंज में कब्रिस्तान की घेराबंदी नहीं होने की वजह से असामाजिक तत्व गड़बड़ी कर रहे हैं इसलिए कब्रिस्तान की घेराबंदी जल्द से जल्द किया जाए प्राथमिकता के आधार पर. इसके बाद सरकार के तरफ से गृह विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार उन स्थानों पर जिला पदाधिकारी के निर्देश का पालन कर तुरंत घेराबंदी के निर्देश देती है जहां पर विवाद या किसी प्रकार की दंगा जैसे मुद्दे भड़कने की आशंका ज्यादा होते हैं.
हालांकि सरकार के जवाब पर विपक्ष के विधायक सहमत नहीं थे और जल्द से जल्द सरकार से प्राथमिकता के आधार पर कब्रिस्तान की घेराबंदी की मांग कर रहे थे. कुल मिलाकर कहें तो बीजेपी के विधायकों ने अपनी ही सरकार को आज सदन में विपक्ष से भी ज्यादा मजबूत तरीके से बैकफुट पर ढकेल दिया. हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने साफ निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार चलते सत्र में विचार कर यह बता दें कि शमशान और मंदिर की घेराबंदी को लेकर क्या फैसला लेती है. विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के हंगामा शांत हुआ.