DESK: भारत से फरार होकर ब्रिटेन में रह रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को अब किसी भी दिन भारत लाया जा सकता है. विजय माल्या के भारत प्रत्यपर्ण को लेकर कानूनी औपचारिकतायें पूरी हो चुकी हैं. ईडी से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि माल्या को अब चंद दिनों के भीतर भारत लाया जा सकता है.
ED यानि प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऑफ द रिकार्ड बताया कि भारत से भागकर ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या के बचने की सारी राह बंद हो चुकी है. ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने विजय माल्या की अर्जी खारिज कर दी है. यानि अब माल्या के पास ब्रिटेन में बचे रहने की कोई गुंजाइश नहीं रह गयी है. 14 मई को ही ब्रिटेन में माल्या की आखिरी अर्जी खारिज हो चुकी है. लिहाजा भारतीय एजेंसियां उसे वापस लाने की तैयारियों में लगी हैं.
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण में सबसे बड़ी बाधा 14 मई को ही दूर हो चुकी है जब माल्या अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ आखिरी सुनवाई में भी हार गया. दरअसल अप्रैल में ही ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि विजय माल्या को भारत प्रत्यíपत किया जा सकता है. इसके बाद 14 मई को कोर्ट ने माल्या को सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका देने से इन्कार कर दिया था. ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भारत सरकार अब सरकार को अगले 28 दिनों के भीतर उसे वापस लेकर आना है. 14 मई के बाद से 20 दिन पहले ही गुजर चुके हैं. ऐसे में उसे अगले आठ दिनों के भीतर वापस लाना है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि CBI और ED विजय माल्या को वापस भारत लाने के मिशन पर काम कर रही है. विजय माल्या के मामले को देख रही सीबीआई की टीम के एक अधिकारी ने बताया कि उसे भारत लाने के बाद ही सबसे पहले सीबीआई की टीम ही अपने हिरासत में लेगी. विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई ने ही पहला केस दर्ज किया था. लिहाजा सीबीआई ही सबसे पहले पूछताछ करेगी. सीबीआई की पूछताछ के बाद ईडी जैसी एजेंसियां भी अपना काम करेंगी.
गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी शराब कंपनी UB के मालिक विजय माल्या ने बैंक से लोन लेकर किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी जो बाद में बंद हो गई. किंगफिशऱ एयरलाइंस को लेकर लिये लोन में गड़बड़ी के आरोप में उस पर 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया था. लेकिन इसी बीच विजय माल्या 2016 में भारत से भाग निकला. तब से विजय माल्या ब्रिटेन में रह रहा है. माल्या पर आरोप है कि उसने 17 भारतीय बैंकों को धोखा देकर कर्ज लिया और फिर लोन का पैसा अवैध रूप से विदेश की 40 कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया.