PATNA: बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं. इसमें परिवारवाद का मुद्दा गर्म हो रहा है. दरअसल इस उप चुनाव में प्रशांत किशोर ने भी अपनी पार्टी जनसुराज के उम्मीदवारों को खड़ा किया है. प्रशांत किशोर बार-बार अपने भाषण में परिवारवाद का मुद्दा उठा रहे हैं. आज जीतन राम मांझी ने प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब दिया. मांझी ने कहा कि परिवारवाद वह होता है जो लालू यादव ने किया है.
बता दें कि इस उप चुनाव में नेताओं के परिजनों को मैदान में उतारा गया है. गया के इमामगंज से जीतनराम मांझी की बहू चुनाव लड़ रही हैं तो बेलागंज से सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ मैदान में हैं. तरारी सीट पर बाहुबली सुनील पांडे के बेटे विशाल लड़ रहे हैं. रामगढ़ सीट पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र अजीत सिंह को टिकट दिया गया है. प्रशांत किशोर ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी परिवारवाद पर हमला बोल रहे हैं. आज ही झारखंड के पलामु में जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी पर परिवारवाद करने का आरोप लगाया.
मांझी ने बतायी परिवारवाद की परिभाषा
गया जिले के इमामगंज में अपनी बहू दीपा मांझी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे जीतनराम मांझी से पत्रकारों ने बहू को टिकट देने पर सवाल किया. पत्रकारों ने कहा कि प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि लोग नेताओं के परिवार के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए वोट करें. इसके बाद जीतन राम मांझी ने परिवारवाद की अपनी परिभाषा समझायी. मांझी ने कहा कि प्रशांत किशोर को परिवारवाद की परिभाषा जानना चाहिए. परिवारवाद वह है जो लालू यादव का परिवार करता है.
कबड्डी-क्रिकेट खेलने वाले बने गये उत्तराधिकारी
जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव क्रिकेट खेलते थे. लालू यादव खुद कहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेलता है. क्रिकेट खेलने वाले बेटे को पहले विधायक बनाया और फिर डिप्टी सीएम बना दिया. तेज प्रताप यादव कहां कबड्डी खेल रहे थे और उनको उठाकर एमएलए और मंत्री बना दिया गया.
जीतन राम मांझी ने कहा कि राबड़ी देवी की कोई सामाजिक- राजनीतिक पहचान नहीं थी. लेकिन लालू यादव ने उन्हें डायरेक्ट सीएम बना दिया. लालू यादव की बेटी रोहिणी सिंगापुर में रहती थी. अचानक सिंगापुर से आई और बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ गई. लालू-राबड़ी की बड़ी बेटी मीसा भारती कब पार्टी की कर्मठ कार्यकर्ता रही जो चुनाव लड़ा दिया. दो बार चुनाव हारी और दोनों दफे उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया गया. असल में परिवारवाद इसे कहते हैं जो लालू यादव कर रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने अपनी बहू दीपा मांझी को टिकट देने पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि मेरी बहू पहले से राजनीति में सक्रिय है. वह जिला परिषद की सदस्य रही है. वह एक कर्मठ लड़की है और हर तरह से व्यावहारिक भी है. अच्छी वक्ता है। अपने संघर्ष से राजनीति में आई है. इसलिए दीपा मांझी को टिकट देना परिवारवाद नहीं कहा जायेगा. उन्हें योग्यता के कारण उम्मीदवार बनाया गया है.