शराबबंदी लागू करने की प्रक्रिया गलत, मांझी बोले- ढाई सौ ग्राम पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए

शराबबंदी लागू करने की प्रक्रिया गलत, मांझी बोले- ढाई सौ ग्राम पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए

DELHI: महज चार विधायकों के बल पर बिहार की सत्ता में भागीदार बने जीतनराम मांझी आए दिन बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते रहे हैं। ऐसे कई मौके आए जब मांझी ने शराब को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल उठा दिया है। दिल्ली पहुंचे पूर्व सीएम और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा है कि शराबबंदी खराब नहीं है लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया उसकी प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं।


जीतनराम मांझी ने कहा है कि चाहे बिहार हो या गुजरात शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं। जेलों में ऐसे 70 फीसदी लोग बंद हैं जो महज आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते पकड़े गए हैं। यह गरीबों के साथ अन्याय के समान है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मांझी ने यहां तक कह दिया कि जो लोग सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं उनको नहीं पकड़ा जाना चाहिए।


मांझी ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए। पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर लगाकार लोगों की जांच करती है। ब्रेथ एनेलाइजर एक मशीन है और मशीन में कभी कभी गलत भी बता देता है जिसके कारण निर्दोष लोग भी पकड़े जाते हैं। मांझी में दिल्ली में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद ये बातें कही। इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे।