DARBHANGA : नीतीश सरकार भले ही बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए आये दिन नए नए कदम उठा रहे हों। लेकिन अभी तक का सर्वे यह बताता है कि सरकार की सारी कवायद पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। वर्तमान में सरकार ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज के सेवकों को शराब ढ़ूंढ़ने के काम में लगाने का आदेश जारी कर दिया है। उसके बावजूद दरभंगा जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय परिसर में शराब की खाली बोतल देखने को मिली है।
सरकार के आदेश का पड़ताल करने जब हमारी टीम जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुंची तो कार्यालय परिसर के एक कोने में शराब की खाली बोतल पड़ी मिली। इस संदर्भ में जब टेलिफोन पर जिला शिक्षा पदाधिकारी विभा कुमारी से बात की तो उन्होंने इस बात से अपने आप को अंजान बताते हुए, अपने कार्यालय के कर्मी रंजीत कुमार मिश्रा को फोन कर तुरंत शराब की खाली बोतल को हटाने का आदेश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी का फोन आते ही कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल हो गया और कर्मी डंडा लेकर शराब की खाली बोतल को परिसर से हटाया।
इस संबंध में जब हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी के कर्मी रंजीत कुमार मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां पर हमेशा लोगों का आना जाना होता है। तथा बगल में परिवहन विभाग का कार्यालय है और वहां पर रह रहे दलाल इस कार्यालय में भी आते है। हो सकता है उन्हीं लोगों मे से किसी ने खाली बोतल फेंक दिया होगा।
दरअसल, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने पूरे राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिया है कि " ऐसी सूचनायें प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी कतिपय लोगों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है। इसे रोकना अति आवश्यक है। इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाये।
साथ ही, प्राथनिक, मध्य और उच्च विद्यालयों के सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों, तालीमी मरकज से शिक्षा सेवकों और विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दिया जाये कि वे चोरी-छुपे शराब पीने वाले या आपूर्ति करने वालों की पहचान कर मद्य निषेध विभाग के मोबाइल और टॉल फ्री नंबर पर सूचना दें "।
गौरतलब है कि सरकारी आदेश में ये भी हिदायत दी गयी है कि ये सुनिश्चित किया जाये कि सरकारी स्कूल कैंपस में कोई भी व्यक्ति शराब का सेवन नहीं करे। उंसके वावजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में शराब की खाली बोतल यह दर्शाता है कि सरकार के आदेशों का शिक्षा के मंदिर में कितना पालन किया जा रहा है।