JAHANABAD : बिहार में डबल इंजन वाली एनडीए सरकार में एक बार फिर से सुशासन को लेकर सवाल उठ रहा है. मामला जहानाबाद जिले का है, जहां एक विधायक ने जिलाधिकारी यानी कि डीएम के संरक्षण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. इस गंभीर मामले को लेकर विधायक ने जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष धरना भी दिया और आरोपी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की.
शुक्रवार को जहानाबाद जिले के डीएम कार्यलय के पास घोसी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुपम कुमार और उनके कर्मी के द्वारा सरकारी कार्य अपने आवास से किए जाने का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन धरना पर घोषी के लोग बैठ गए हैं. इस धरने में मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतीश दास भी समर्थन देने पहुंचे और धरने में शामिल होकर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
मखदुमपुर विधायक सतीश दास ने कहा कि मामला घोषी प्रखंड का है लेकिन यह स्थिति पूरे बिहार में है, जहां पर अधिकारी अपने आवास से ही कार्यालय चला रहे हैं. कार्य की संस्कृति खत्म हो गई है. अधिकारियों के कारण तमाम जगहों पर अनियमितता है.
विधायक ने जहानाबाद के डीएम के ऊपर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार इनके देख रेख में हो रहा है, जिलाधिकारी के संरक्षण में हो रहा है. मखदुमपुर, घोषी, कांको या जहानाबद इन तमाम जगहों पर करप्शन चरम पर है और इसमें बीडीओ यानी कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीओ यानी कि अंचलाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधियों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें हिस्से के अनुरूप राशि नहीं दी जा रही है. उसमें भी कुछ दलाल तरह के लोग शामिल कर लिए गए हैं. जिनकी देखरेख में पूरा प्रखंड कार्यालय चल रहा है.
धरना पर बैठी एक महिला ने आरोप लगाया है कि "प्रखंड विकास पदाधिकारी 15वें वित्त योजना में पारदर्शिता पूर्ण कार्य नहीं करते हैं, जिससे जनप्रतिनिधि काफी उपेक्षित महसूस करने लगे हैं और मखदुमपुर के विधायक सतीश दास ने कहा कि प्रदेश में अनियमितता चरम सीमा पर पहुँच गई है. इसे जड़ से खत्म करना हमारा कर्तव्य है और इसके खिलाफ मैं आंदोलन के माध्यम से दूर करने का काम करुँगी."