JDU विधायक ने करायी मेरे पति की हत्या, नीतीश के जनता दरबार में पहुंची महिला का आरोप.. अब DGP करेंगे जांच

JDU विधायक ने करायी मेरे पति की हत्या, नीतीश के जनता दरबार में पहुंची महिला का आरोप.. अब DGP करेंगे जांच

PATNA : मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में पहुंची एक महिला ने अपने पति की हत्या का आरोप जेडीयू विधायक के ऊपर लगाया है. वाल्मीकि नगर की रहने वाली कुमुद वर्मा ने आरोप लगाया है कि जनता दल यूनाइटेड के विधायक रिंकू सिंह ने उनके पति दयानंद वर्मा की हत्या करा दी. इस मामले में अब तक पुलिस रिंकू सिंह के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. 


दरअसल मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में पहुंचे कुमुद वर्मा ने जब नीतीश कुमार को यह बताया कि उनके पति की हत्या विधायक ने करा दी है. 14 फरवरी को उनके पति की हत्या कराई गई थी. लेकिन पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.


आपको बता दें कि पश्चिम चंपारण के पूर्व जिला परिषद सदस्य दयानंद वर्मा की हत्या इसी साल फरवरी महीने में कर दी गई थी. पश्चिम चंपारण के नौरंगिया पुलिस थाने के सिरसिया चौक के पास दयानंद वर्मा को गोली मारी गई थी. इस मामले में उनकी पत्नी कुमुद वर्मा ने वाल्मीकि नगर से जेडीयू विधायक रिंकू सिंह और उनके अन्य साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी.


अपनी ही पार्टी के विधायक के ऊपर लगे हत्या के आरोप को सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़िता से बहुत ज्यादा बात तो नहीं कि उसे तुरंत डीजीपी के पास भेज दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें डीजीपी के पास ले जाइए डीजीपी सारे मामले को खुद देखेंगे. जेडीयू विधायक रिंकू सिंह के ऊपर हत्या का जो आरोप लगा है. इसमें वह लंबे अरसे तक भूमिगत भी रहे.



रिंकू सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. क्योंकि मामला मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक जा पहुंचा है. मुख्यमंत्री ने इस मामले को लाइव टेलीकास्ट के दौरान डीजीपी के पास भेजा है. ऐसे में अगर जेडीयू विधायक के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सवाल भी खड़े होंगे.


कुमुद वर्मा ने अपने पति की हत्या के बाद जो बयान दिया था. उसके मुताबिक उनके पति दयानंद वर्मा और शकील मियां नाम के एक व्यक्ति के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद शकील ने दयानंद वर्मा को जान से मारने की धमकी दी थी. शकील मियां हत्या के दिन जेडीयू विधायक रिंकू सिंह और अन्य चार लोगों के साथ दयानंद वर्मा के घर पहुंचा और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी.


दयानंद वर्मा को गोली लगने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. हत्या के बाद पुलिस ने भी यह कहा था कि यह मामला कहीं ना कहीं ठेकेदारी विवाद से जुड़ा हुआ है.