GAYA: बिहार की सत्ता में काबिज जेडीयू को अपने जिला कार्यालयों के किराये के लिए पैसे नहीं जुट रहे हैं। सालों से पैसे नहीं मिलने के बाद मकान मालिक ने जब किराये के लिए लगातार सख्ती की तो पार्टी के जिलाध्यक्ष ने पार्टी ऑफिस खाली कर दिया। जेडीयू के जिलाध्यक्ष अब अपने घर से पार्टी का ऑफिस चला रहे हैं। लेकिन पार्टी में गुटबाजी इतनी ज्यादा है कि कई नेता उनके घर पर कदम न रखने की कसम खा चुके हैं। हम आपको बता दें कि ये वही पार्टी है जिसमें ललन सिंह से लेकर आरसीपी सिंह के आगमन पर स्वागत में पानी की तरह पैसे बहाये जाते हैं।
बंद हो गया जेडीयू कार्यालय
मामला गया जिले का है. गया में जदयू पार्टी कार्यालय सर्किट हाउस सड़क स्थित एक मकान में चल रहा है. अब वहां ताला लटका है. पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद के घर पर जेडीयू जिला कार्यालय का बोर्ड जरूर लग गया है. जिलाध्यक्ष कह रहे हैं कि अपने घर में पार्टी का दफ्तर ले जाना उनकी मजबूरी बन गयी थी. लेकिन पार्टी के अंदर इस बात को लेकर घमासान छिड गया है. मामला दांगी बनाम कुशवाहा का हो गया है. शिकायत उपर तक की गयी है.
किराये के लिए पैसे नहीं जुटे
जेडीयू के गया जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने बताया कि शहर के सर्किट हाउस रोड के जिस मकान में पार्टी का जिला कार्यालय चल रहा था उसका किराया कई महीने से बाकी थी. मकान मालिक बार-बार कह रहे थे कि उनका घर खाली कर दिया जाये. पार्टी के पास इतना पैसा नहीं था कि वह लंबे अर्से से बकाया किराये का भगुतान कर सके. लिहाजा उन्होंने कार्यालय को अपने घर में शिफ्ट कर दिया.
जेडीयू जिलाध्यक्ष ये भी कह रहे हैं कि पार्टी ऑफिस उनके घर में भले ही शिफ्ट हो गया लेकिन दफ्तर तो शहर में ही है न. उनके घर की दूरी गया के गांधी मैदान से सिर्फ पांच किलोमीटर है. ये शहरी इलाका है. जिलाध्यक्ष ये भी दावा कर रहे हैं कि पहले जहां पार्टी का ऑफिस था वहां केवल शहरी लोग पहुंचते थे लेकिन अब उनके घर में दफ्तर शिफ्ट होने के बाद गांवों से भी पार्टी कार्यकर्ता वहां पहुंच रहे हैं.
दांगी बनाम कुशवाहा की लड़ाई
दरअसल गया जेडीयू में दांगी बनाम कुशवाहा की लडाई छिडी हुई है. पार्टी के जिलाध्यक्ष दांगी तबके से आते हैं. जिस घर में उन्होंने पार्टी का जिला कार्यालय शिफ्ट किया है उसमें दांगी छात्रावास चलता है. उसमें सिर्फ दांगी तबके के छात्रों को रहने दिया जाता है. हालत ये है कि उस बिल्डिंग में जाने के लिए कोई पक्की सड़क तक नहीं है. गड्ढे में तब्दील कच्ची सडक है जिस पर चलना मुश्किल होता है. उनका घर शहर से दूर है जहां लोगों को पहुंचना भी मुश्किल होता है.
गया में पहले से ही जेडीयू में दांगी बनाम कुशवाहा की लडाई छिड़ी हुई है. जेडीयू जिलाध्यक्ष ने जब पार्टी ऑफिस को अपने घर में शिफ्ट किया तो कई नेताओं ने दफ्तर जाना छोड़ दिया है. खासकर कुशवाहा तबके के लोगों ने पार्टी ऑफिस से दूरी बना ली है. पार्टी के कई नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपने नेतृत्व के पास इस मामले को पहुंचाया है. उम्मीद है कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही कार्रवाई करेगा.