PATNA : बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू में शह-मात का खेल सड़क पर आ गया है. नीतीश कुमार और उनकी पसंद के जो नेता पार्टी की कमान संभाल रहे हैं उन्होंने ने पिछले कुछ दिनों से कई ऐसे फैसले लिये हैं जिससे पार्टी में कौन कहे आम लोगों में भी मैसेज चला गया है. मैसेज साफ और क्लीयर है कि जेडीयू में आरसीपी सिंह के पंख काट दिये गये हैं. लेकिन इन सबके बीच आऱसीपी सिंह आज फिर अपना स्वागत कराने के लिए जिलों के दौरे पर निकल गये. रोहतास में सोने का मुकुट पहने आरसीपी सिंह की तस्वीर सामने आ गयी है. इस तस्वीर से जो मैसेज आ रहा है वह यही है कि उन्हें बहुत आसानी से किनारे नहीं लगाया जा सकता है.
आरसीपी सिंह पिछले 17 अगस्त से ही पूरे बिहार में जिले-जिले घूम कर अपना स्वागत करा रहे हैं. हालांकि वे कह ये रहे हैं कि कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करने जिलों में जा रहे हैं. इस बीच जेडीयू ने ही ढ़ेर सारी बातें साफ कर दीं. पटना में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई तो आरसीपी सिंह को पूरी तरह से अलग थलग कर दिया गया. इससे पहले की हर बैठक की पूरी रूप-रेखा आरसीपी सिंह ही तैयार करते थे. 29 अगस्त को पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी. भरी बैठक में ये साफ हो गया था कि आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच बड़ी दीवार खडी हो गयी है.
उसके बाद पार्टी ने ताबड़तोड़ ऐसे फैसले लिये जिससे ये बात और साफ हो गयी. आरसीपी सिंह के सबसे खास में शुमार किये जाने वाले जेडीयू मीडिया सेल के अध्यक्ष अमरदीप से इस्तीफा ले लिया गया. पटना में जेडीयू के पार्टी कार्यालय को आऱसीपी सिंह समर्थकों से मुक्त करा लिया गया. पार्टी दफ्तर का काम देखने वाले आरसीपी सिंह के करीबी अनिल कुमार और चंदन कुमार को इस काम से हटा दिया गया. उन्हें एक जिले का प्रभारी बना दिया गया. अनिल कुमार और चंदन ही आरसीपी सिंह के बिहार भ्रमण का कार्यक्रम तय कर रहे थे. यही दोनों सभी जिलों में पार्टी नेताओं को कॉल कर आऱसीपी बाबू के स्वागत का भरपूर इंतजाम करने का डायरेक्शन भी दे रहे थे. दोनों को पार्टी दफ्तर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
आरसीपी सिंह के नये सेनापति ने संभाल ली कमान
इन तमाम घटनाओं के बाद आऱसीपी सिंह शनिवार को फिर से जिलों के दौरे पर निकले. आज उनका रोहतास यानि सासाराम के साथ-साथ विक्रमगंज में स्वागत कराने का कार्यक्रम था. जिले में उनके प्रवेश करते ही बैंड-बाजा, घोड़ा-हाथी-उंट के साथ उनका स्वागत का बंदोबस्त था. होर्डिंग बैनर से लेकर दूसरे तमाम इंतजाम भरपूर तरीके से किये गये थे. जेडीयू की प्रदेश महासचिव अरुणा देवी की तरफ से उन्हें सोने का चमचमाता मुकुट पहनाया गया.
हालांकि एक तब्दीली जरूर देखने को मिली. जेडीयू के प्रमुख नेता आरसीपी सिंह के कार्यक्रम से गायब थे. लेकिन आऱसीपी सिंह के नये सेनापति ने सारा जिम्मा संभाल लिया था. रोहतास के कार्यक्रम में सारा बंदोबस्त जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ का था. पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कन्हैया सिंह आरसीपी बाबू के नये सारथी बन गये हैं.
सिक्कों से तौलने का भी इंतजाम
सासाराम के करगहर चौक पर आरसीपी सिंह को सिक्कों से तौलने का भी इंतजाम किया गया था. वहां तीन कंटेनर सिक्के भर कर लाये गये थे. इसके साथ ही बड़ा तराजू भी रखा गया था. हालांकि आरसीपी सिंह ने खुद को सिक्कों से तौलवाने से मना कर दिया. लेकिन उनके लोग अड़ गये. लिहाजा आऱसीपी सिंह ने तराजू को छूकर खुद को तौलवाने की रस्म अदायगी की. ये इंतजाम भी कन्हैया सिंह की तरफ से ही किया गया था.
उधर जेडीयू के एक वरीय नेता ने कहा कि आरसीपी सिंह और उनके हार्डकोर समर्थकों का इलाज होना तय है. लेकिन नीतीश कुमार ने एलोपैथी के बजाय होम्योपैथिक इलाज करने का फैसला लिया है. यानि धीरे-धीरे आऱसीपी सिंह के समर्थकों को पार्टी से पूरी तरह किनारे किया जायेगा और फिर आरसीपी सिंह की बारी आयेगी. लेकिन आऱसीपी सिंह भी नीतीश का खेल समझ रहे हैं. आज उन्होंने शक्ति प्रदर्शन कर ये बताया है कि उन्हें आसानी से किनारे नहीं लगाया जा सकता है.