PATNA : बीते साल विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने कई बदलाव देखे हैं. पहले नीतीश कुमार ने अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ी और आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी और आरसीपी सिंह जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए गए. इस बदलाव के बीच जेडीयू में संगठन के ऊपर किस का दबदबा है, इसको लेकर तरह तरह की खबरें आती रहती हैं.
नीतीश कुमार पार्टी के नेता हैं लेकिन संगठन में नीतीश के बाद किस का कद बढ़ा है, इसे लेकर राजनीतिक जानकार अलग-अलग तरीके से अपनी बात रखते हैं. ललन सिंह भले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हो लेकिन संगठन में अभी भी 70 फ़ीसदी से ज्यादा लोग आरसीपी सिंह के एक करीबी माने जाते हैं. खुद जदयू कार्यालय में आरसीपी सिंह का जलवा अभी भी देखने को मिल रहा है.
दरअसल जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने कोटे के मंत्रियों के लिए दरबार लगाने की शुरुआत की है. बीजेपी की तर्ज पर जेडीयू के मंत्री भी अब हर दिन पार्टी कार्यालय में लोगों की शिकायतें सुनने के लिए बैठते हैं. जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय में जिस कक्ष के अंदर मंत्रियों का जनता दरबार लगता है, वहां मंत्रियों के बैठने की जगह के ठीक पीछे एक पोस्टर लगा हुआ है. इस बैकड्राप पर नीतीश कुमार के अलावे केवल आरसीपी सिंह की ही तस्वीर है. नीतीश और आरसीपी सिंह की तस्वीरों के साथ जेडीयू का चुनाव चिन्ह है. इस पर नजर आता है ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं लेकिन अब तक किसी ने आरसीपी बाबू की तस्वीर हटाने या इसमें बदलाव करने की जहमत नहीं उठाई है.
मंत्रियों के दरबार वाली जगह पर नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह की तस्वीर को देखकर आने वाले फरियादी भी समझ रहे हैं कि नीतीश के बाद आरसीपी सिंह ही पार्टी में बड़ा रुतबा रखते हैं. ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं लेकिन जेडीयू का प्रदेश कार्यालय चला रहे पदाधिकारियों ने अब तक उनकी तस्वीर को इस बैकड्राप पर जगह नहीं दी है.
बता दें कि प्रदेश कार्यालय में आज बिहार सरकार के तीन मंत्री लोगों की फरियाद सुनने के लिए मौजूद रहे. मंत्री श्रवण कुमार, सुनील कुमार और जयंत राज आज लोगों की शिकायतें सुनने के लिए प्रदेश कार्यालय में बैठे. इसके पहले कल यानी मंगलवार को मंत्री विजय कुमार चौधरी और लेसी सिंह जनता दरबार कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन इनमें से किसी भी मंत्री का ध्यान पीछे लगाए गए बैकड्राप पर नहीं गया.