DESK: 2020 में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी मांगे जाने के मामले में जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाहुबली धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई है। साथ में जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह ने जौनपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा था। इससे पहले पिछले विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने जदयू के टिकट पर किस्मत आजमाया था लेकिन सफलता नहीं मिली। धनंजय सिंह पर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण कर धमकी देने और रंगदारी मांगने का आरोप साबित हुआ है। एक दिन पहले मंगलवार को विशेष न्यायाधीश एमपीएमलए कोर्ट शरद त्रिपाठी ने मामले पर सुनवाई करते हुए धनंजय सिंह को दोषी करार दिया था धनंजय के साथ ही उनके साथी को भी सात साल की सजा और दो लाख जुर्माना लगाया गया है। अब धनंजय सिंह को दोबारा जेल भेज दिया गया।
हिस्ट्रीशीटर रहे धनंजय सिंह पर पहले से कई आपराधिक मामले चल रहे हैं लेकिन पहली बार उन्हें किसी मामले में सजा सुनाई गई। बता दें कि वो कई बार विधायक रह चुके हैं और 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद भी चुने गए थे। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में खड़ा होने की भी घोषणा कर रखी थी। लेकिन उनसे इस सपने पर आज पानी फिर गया। बता दें कि दो साल या इससे ज्यादा की सजा पाने वाले चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। धनंजय सिंह को सात साल की कैद की सजा सुनाये जाने के बाद यह चर्चा होने लगी है कि अब वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।