DELHI : जातीय जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के डेलिगेशन यह मुलाकात खत्म हो गई है. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई है कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार जरूर सही फैसला लेगी. नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने हमारी बात सुनी है.
जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबकी बातों को बड़े गौर से सुना. उन्होंने जातीय जनगणना की मांग से इनकार नहीं किया है. हमें उम्मीद है कि वह इस बारे में विचार करके उचित निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि नेताओं ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना के बारे में अब तक बिहार में हुई कोशिशों की पूरी जानकारी दी. उन्हें बताया कि कैसे 2019 और 2020 में प्रस्ताव पास किया गया.
बीच में केंद्र के एक मंत्री के यह कहने से कि जातिगत जनगणना नहीं हो पाएगी. पूरे राज्य में बेचैनी फैल गई. उन्होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते पीएम से आज मुलाकात की गई. उन्हें ओबीसी, माइनारिटी समेत सभी के बारे में जानकारी दी गई. सीएम नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है. यह एक बार हो जाएगा सब की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. जिन वर्गों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में भी ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी. विकास के लिए ठीक से काम होगा.
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत जनगणना को लेकर हमारी बात गंभीरता से सुना है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतज़ार है. उधर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है. इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा.
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, जनता दल यूनाइटेड से बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, बीजेपी से मंत्री जनक राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, सीपीआई माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, एआईएमआईएम विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान, हम विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी के अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी, सीपीआई विधायक दल के नेता सूर्यकांत पासवान और सीपीएम विधायक दल के नेता अजय कुमार इस प्रतिनिधिमंडल में मौजूद थे.
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार की शाम पटना से दिल्ली रवाना हो गए थे. उधर तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे. तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार के सामने बिहार का प्रतिनिधिमंडल मजबूती से अपनी बात रखेगा. हम जातीय जनगणना हर हाल में चाहते हैं. राज्य सरकार के पास भी अपना विकल्प खुला हुआ है.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जातीय जनगणना के मसले पर पत्र लिखा था. उन्होंने 3 अगस्त को पीएम मोदी को पत्र लिखा था. प्रधानमंत्री ने इसी पत्र के बाद बिहार के प्रतिनिधि मंडल को मुलाकात का वक्त दिया है. जातीय जनगणना के मसले पर बिहार विधानसभा दो दफे प्रस्ताव पारित कर चुका है. 18 फरवरी 2019 और 27 फरवरी 2020 को विधानमंडल सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था और जातीय जनगणना की आवश्यकता बताई थी.