जातीय जनगणना पर आखिरकार गिरिराज ने तोड़ी चुप्पी, राजनीति करने वालों को नसीहत

जातीय जनगणना पर आखिरकार गिरिराज ने तोड़ी चुप्पी, राजनीति करने वालों को नसीहत

PATNA : जातीय जनगणना के मसले पर इन दिनों खूब सियासत से देखने को मिल रही है. पिछले दिनों बिहार का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात तक कर आया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने खुद कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से उम्मीदें हैं. 


केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना की मांग को पहले ही खारिज कर रखा है. बीजेपी के तमाम बड़े नेता खुलकर कह रहे हैं कि जातीय जनगणना संभव नहीं है. जबकि नीतीश कुमार इस मसले पर विपक्षी दलों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. ऐसे में गिरिराज सिंह ने जातीय जनगणना के मसले पर चुप्पी थोड़ी है. गिरिराज सिंह ने कहा है कि जो भी जनगणना हो वह समाज के हित के लिए हो. राजनीति के हित के लिए नहीं.


गिरिराज सिंह का यह बयान इस बात का संकेत है कि वह राजनीतिक फायदे के लिए जातीय जनगणना की मांग करने वाले नेताओं को नसीहत दे रहे हैं. हालांकि गिरिराज सिंह में बेहद नपे तुले अंदाज में एक छोटी सी प्रतिक्रिया दी है. गिरिराज सिंह ने इस ट्वीट के साथ बीजेपी नेता राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का एक आलेख भी शेयर किया है. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने एक दैनिक में जातीय जनगणना की मांग को तर्कसंगत नहीं बताते हुए आलेख लिखा है. कहीं ना कहीं गिरिराज सिंह पार्टी के स्टैंड का समर्थन कर रहे हैं.


कभी बिहार में फायर ब्रांड लीडर के तौर पर छवि बनाने वाले गिरिराज सिंह मोदी 2.0 की सरकार बनने के बाद बेहद शांत अंदाज में राजनीति कर रहे हैं. विवादों से दूर रहना बेवजह बयानबाजी से बचना है कि गिरिराज सिंह की राजनीति का नया अंदाज है. बंगाल चुनाव को छोड़ दें तो गिरिराज सिंह में ज्यादातर मामलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन अब गिरिराज सिंह जातीय जनगणना पर राजनीतिक फायदा उठाने वालों को नसीहत दे रहे.