PATNA: पूर्वी क्षेत्र के चार राज्यों की बैठक में भाग लेने पटना आये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना का बखान किया. लेकिन बैठक के बाद अमित शाह ने बिहार सरकार के दावों को खारिज कर दिया. अमित शाह ने कहा-जातीय गणना में मुसलमानों और एक-दो जातियों को फायदा पहुंचाने के लिए पिछड़ों के साथ हकमारी की गयी है. अपने फायदे के लिए दूसरी जातियों के साथ किया गया अन्याय गलत है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पटना में आज बिहार के साथ साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. मीटिंग काफी अच्छी रही. लेकिन जहां तक बात रही जातीय जनगणना की तो बिहार में जातीय गणना कराने का फैसला तभी लिया गया, जब भाजपा यहां की सरकार में हिस्सेदार थी. जातीय गणना कराने का जब प्रस्ताव आया था तो हमने उसका समर्थन किया था. जब जातीय गणना की रिपोर्ट आयी और उसके आधार पर कानून बना तो उसका भी भारतीय जनता पार्टी ने समर्थन किया. सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा में इसे पारित किया गया.
अमित शाह ने कहा कि इसके बावजूद जातीय गणना को लेकर ढ़ेर सारे सवाल उठ रहे हैं. मुख्य तौर पर मुसलमान और एक जाति विशेष को ज्यादा तवज्जो देकर पिछड़ी औऱ छोटी जातियों के साथ अन्याय करने का सवाल बार-बार उठ रहा है. कई पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधिमंडल अपने साथ हुए अऩ्याय को लेकर भाजपा के साथ साथ राजद-जेडीयू के नेताओं से मिल चुका है. अमित शाह ने कहा कि मेरा आग्रह होगा कि जातीय गणना पर जो सवाल उठे हैं, उनका समाधान तुरंत करना चाहिये. अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी जाति के साथ अन्याय नहीं करना चाहिये. अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी समुदाय या जाति को फायदा भी नहीं पहुंचाया जाना चाहिये.
बता दें कि अमित शाह के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने जातीय गणना का मुद्दा उठाया. नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बूते बिहार में जातीय गणना करायी है और उस आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ायी गयी है. जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर गरीब परिवारों को आर्थिक मदद देने का फैसला भी लिया गया है. इसलिए केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे ताकि उस पैसे से बिहार के गरीब परिवारों को दो लाख रूपये की आर्थिक मदद दी जा सके.