PATNA : बिहार में जातीय जनगणना को लेकर फैसला हो चुका है। नीतीश कैबिनेट ने दो दिन पहले ही इस फैसले पर मुहर लगा दी. बीजेपी ना चाहते हुए भी सरकार के इस फैसले के साथ खड़ी नजर आई. सर्वदलीय बैठक में पहले बीजेपी ने नीतीश की हां में हां मिलाया तो उसके बाद कैबिनेट के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई, लेकिन नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी की तरफ से जताई गई आशंका तक को नोटिस लेते नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए यह आशंका जताई थी कि इसका फायदा कहीं बिहार में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान उठा ले.
बिहार में जातीय जनगणना के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज इस पर पहली प्रतिक्रिया दे रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना होने से सभी को फायदा होगा. यह सब के हित में है नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के फायदे भी गिनाए लेकिन जब सवाल बीजेपी की तरफ से जताई जा रही आशंका को लेकर हुआ तो नीतीश ने मुंह फेर लिया. नीतीश कुमार से पूछा गया कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों का मसला उठा रहे हैं तो नीतीश कुमार ने इस सवाल को अनसुना कर मुंह फेर लिया.