PATNA: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 जून को सर्वदलीय बैठक आयोजित होनी है। इसके लिए मुख्यमंत्री की तरफ से सभी दलों के नेताओं को बुलावा भेजा जा चुका है। संसदीय कार्य मंत्री, विजय कुमार चौधरी ने सरकार की तरफ से जाति आधारित जनगणना कराने के विषय पर विमर्श के लिए सभी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था। विजय चौधरी ने कहा है कि कल होने वाली बैठक काफी अहम है। इस बैठक में सभी दलों की सहमति से आगे की रणनीति तय की जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विधानसभा में जिन दलों का प्रतिनिधित्व है उन सभी दलों के नेताओं को बैठक में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सर्वसम्मति से दो बार प्रस्ताव को पारित किया जा चुका है। बिहार में जातीय जनगणना कराने के लिए विधानसभा से पारित प्रस्ताव के आधार पर केंद्र सरकार से इसकी अनुशंसा पहले ही दो बार की जा चुकी है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिल चुका है।
केंद्र सरकार के असमर्थता जाहिर करने के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार में जातीय जनगणना कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपने खर्चे पर बिहार में जातीय जनगणना कराएगी। इसी के लिए सभी दलों के लोगों को 1 जून को सर्वदलीय बैठक के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय में बुधवार को शाम चार बजे बैठक बुलाई गई है। बैठक में इस बात को लेकर विमर्श होगा कि जनगणना कैसे कराई जाए। उन्होंने कहा कि कल की बैठक के बाद अगर जरूरत पड़ी तो इसको लेकर मंत्रिमंडल में भी बैठक होगी।
बिहार विधान मंडल से यह प्रस्ताव दो बार पारित हो चुका है। सभी दलों से सहमति मिलने के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में ले जाया जाएगा। बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना कराने की मांग के लेकर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ थी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार सर्वदलीय बैठक कराने की मांग कर रहे थे। 1 जून को होने वाली सर्वदलीय बैठक के बाद बिहार में जातीय जनगणना को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।