BEGUSARAI: बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट जारी होने के साथ ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है।बीजेपी ने जातीय गणना की रिपोर्ट को बिहार के लोगों की आंख में धूल झोंकने वाला बताया है। बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है और कहा है कि सरकार द्वारा जारी किया गया आंकड़ा पूरी तरह से गलत है।
बेगूसराय पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार की सरकार जातीय गणना प्रकाशित करने के बजाए सरकार को यह रिपोर्ट पेश करने की जरुरत थी कि कितने गरीबों को रोजगार दिया गया, कितने गरीबों को नौकरी दी और कितने गरीब अमीर हुए। यह सरकार की बेईमानी है। बिहार में हजारों जातियां है लेकिन उसमें कुछ ही जातियों की रिपोर्ट सरकार द्वारा पेश की गई है। सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई रिपोर्ट बिहार के लोगों के आंख में धूल झोंकने के समान है। सरकार द्वारा जारी किया गया आंकड़ा पूरी तरह से गलत है।
सामाजिक न्याय के पुरोधा कहे जाने वाले लालू प्रसाद जो 14 फीसदी यादवों का प्रतिनिधित्व करते थे और नीतीश कुमार 2.8 कुर्मी जाति का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। दोनों को बताना चाहिए कि पिछले 33 साल में उन्होंने बिहार के गरीबों के लिए क्या किया। जातीय गणना बिहार के गरीबों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश है। आज जब विज्ञान की बात हो रही है और दुनिया चांद पर पहुंच रही तो लालू और नीतीश जाती गिन रहे हैं।
पिछले 33 साल का हिसाब कौन देगा, ये नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को बताना चाहिए। बिहार के लोगों की हालत कितनी सुधरी इसको सरकार बताए। इस जातीय गणना के रिपोर्ट के जरिए अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश लालू और नीतीश कुमार कर रहे हैं।