PATNA: जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था। जिसके बाद 23 अगस्त को सुबह 11 बजे बिहार के प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय प्रधानमंत्री ने दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में 11 सदस्य शामिल होंगे। हर दल से एक-एक लोग शामिल होंगे। जिनके नाम भी तय हो चुके हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने शनिवार को डेलिगेशन में शामिल नेताओं के नाम की सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पीएम मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी से मंत्री जनक राम, जदयू से शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, आरजेडी से तेजस्वी यादव, कांग्रेस से अजित शर्मा, महबूब आलम, अख्तरुल इमाम, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी, सूर्यकांत पासवान, अजय कुमार सहित 11 नेता शामिल होंगे।
गौरतलब है कि 4 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। पत्र मिलने के बाद 23 अगस्त को प्रधानमंत्री ने मिलने का समय दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिलेंगे और उनके समक्ष इस बात को रखेंगे की पूरे देश में जातीय जनगणना की जानी चाहिए। समस्तीपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना लौंटे इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमलोग तो चाहते ही हैं कि जातिगत जनगणना एक बार हो ही जाए लेकिन करना तो केंद्र सरकार को है। यदि जातिगत जनगणना होती है तो अच्छा रहेगा।
वही जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत लाभदायक है मेरा मानना है कि एक बार जरूर होनी चाहिए। 23 अगस्त को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात करेगा। हर पार्टी से एक-एक लोग रहेंगे। कुल 11 लोगों का प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिलकर इस संबंध में अपनी बातें रखेंगे। इस दौरान पीएम मोदी से यह मांग की जाएगी कि पूरे देश में जातीय जनगणना करायी जाए। इस पर फैसला केंद्र सरकार को लेना है। पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से यह पूछा कि क्या सरकार अपने स्तर से जनगणना कराएगी। इसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि पहले हम लोग केंद्र सरकार से मिलेंगे उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।