जनता दरबार में फरियादी का नाम सुनते ही मुख्यमंत्री ने किया दावा..देश का पहला नाम 'नीतीश कुमार' है जो मेरे पिताजी ने रखा था, अब बहुत लोग रखने लगे हैं

जनता दरबार में फरियादी का नाम सुनते ही मुख्यमंत्री ने किया दावा..देश का पहला नाम 'नीतीश कुमार' है जो मेरे पिताजी ने रखा था, अब बहुत लोग रखने लगे हैं

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं। इस दौरान वे फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और इसका समाधान करते हैं। आज भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार लगाया। आज 17 विभागों से जुड़ी समस्याओं को उन्होंने सुनी और पदाधिकारियों को इसका समाधान करने का निर्देश दिया। जनता दरबार में नीतीश कुमार नाम का एक फरियादी जब पहुंचा तब उसे देख सीएम ने कहा कि आप मेरा ही नाम रख लिये हैं। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लड़का तो मेरा ही नाम ले रहा है। इस दौरान नीतीश कुमार ने यह दावा किया कि जब मेरा नाम रखा गया था उस समय देश में किसी का नाम नीतीश कुमार नहीं था। देश में सबसे पहले मेरा ही नाम नीतीश कुमार दिया गया था। मेरे पिता ने मेरा नाम सबसे पहले नीतीश कुमार रखा था। अब तो बहुत लोग अपना नाम नीतीश कुमार रख रहे हैं।


जनता दरबार में मधुबनी से आए एक युवक ने अपना नाम नीतीश कुमार बताया। तब नीतीश कुमार ने उसके नाम को लेकर यह दावा किया। युवक का राशन कार्ड अब तक नहीं बना है। जिसकी शिकायत लेकर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की जनता दरबार में आया था। मुख्यमंत्री से सबसे पहले उसने अपना नाम नीतीश कुमार मंडल बताया। जैसे ही यह नाम मुख्यमंत्री ने सुना तो वे हंसते हुए कहने लगे कि आप तो मेरा ही नाम रख लिये। मेरे पिता जी ने यह नाम मेरा रखा था। 


जब मेरा नाम नीतीश कुमार रखा गया था तब देश में किसी का नाम नीतीश कुमार नहीं था। देश में सबसे पहले नीतीश कुमार मेरा नाम रखा गया। आज तो कई लोग अपना नाम नीतीश कुमार रखने लगे हैं। नीतीश कुमार के इस दावे को सुन वहां मौजूद अधिकारी भी दंग रह गये। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी को फोन लगाने का निर्देश पदाधिकारी को दिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारी को फोन कर कहा कि मेरे ही नाम का एक युवक आया है इसकी समस्या का जरा समाधान कीजिए।  


दरअसल, मुख्यमंत्री आज जनता दरबार में ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास ए‌वं आवास, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना ए‌वं जनसंपर्क, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की शिकायत सुनी और फरियादियों की समस्याओं का निदान करने का निर्देश उन्होंने पदाधिकारियों को दिया।