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1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Wed, 08 Nov 2023 02:55:36 PM IST
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JAMUI: जमुई कोर्ट में 100 रुपये से लेकर 200 रुपये में जमानतदार मिलता है। मृत व्यक्ति के जगह दूसरे व्यक्ति को खड़ा करने और फर्जी तरीके से जमानत लेने का मामला सामने आया है। यह मामला सामने आने के बाद जमानत लेने वाले को गिरफ्तार किया गया है। वही वकील पर भी केस दर्ज किया गया है।
जमुई कोर्ट में उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी जब एक वकील के द्वारा कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गयी। आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर मृत व्यक्ति की जगह दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर जमानत करा दिया गया। दरअसल बालू माफिया मुकेश कुमार सिंह अपने जब्त वाहन को थाने से छुड़वाने के लिए जमुई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की मिली भगत से अपने मृत पिता जयनारायण सिंह के स्थान पर मोनू सिंह को कोर्ट में खड़ा कर दिया और 13 जुलाई 2023 को जमानत ले ली।
जमानत लेने के लिए दोनों ने पैसे देकर दो जमानतदार राम बहादुर सिंह और गोविंद मांझी को भी कोर्ट में पेश किया और फर्जी तरीके से जमानत लेने के लिए आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर कोर्ट को गुमराह किया और जमानत ले ली। गिरफ्तार जमानतदार रामबहादुर सिंह और गोविंद मांझी ने बताया कि अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने दोनों को पैसे का लोभ देकर जमानतदार बनाया। दोनों ने बताया कि जमानतदार बनने के लिए एक को 100 और दूसरे को 200 रुपये दिए गए।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो जमानतदार हैं उन्हे किसकी जमानत करानी है यह भी पता नहीं था। बस पैसे मिलने चाहिए। पैसे मिलने के बाद वह कोर्ट में हाजिर हो जाता था। इधर जमुई पुलिस ने फर्जी तरीके से षड्यंत्र के तहत जब्त वाहन को छुड़ाने और कोर्ट के समक्ष गलत कागजात प्रस्तुत कर गुमराह करने के आरोप लखापुर गांव निवासी मुकेश सिंह उर्फ बमबम सिंह, मोनू सिंह उर्फ रमाकांत सिंह, बरूअट्टा गांव निवासी जमानतदार राम बहादुर सिंह, राजपुरा गांव निवासी गोविंद मांझी पर लगाया और इन सबके खिलाफ प्राथमिक दर्ज की। इतना ही नहीं मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह, निशु सिंह, बबीता देवी तथा राहुल सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई।
जमुई एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने बताया कि पुलिस को चकमा देने और कोर्ट को गुमराह कर थाने से जब्त वाहन को छुड़ाने के लिए मृत व्यक्ति के नाम पर कोर्ट से जमानत लिया गया। जिसका पर्दाफाश जमुई पुलिस ने किया है। पुलिस ने दो जमानतदार को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि मृत व्यक्ति की जगह पर दूसरे व्यक्ति का आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर जमानत ली गई। उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से मृत वाहन मालिक का जमानत लेने की प्रक्रिया पूरी कर थाना में अपना वाहन छुड़ाने का आदेश लेकर पुलिस के पास पहुंचा।
पुलिस को इस पर शक हुआ। पुलिस ने छानबीन की तब पूरा मामला सामने आ गया। जो बेहद चौकाने वाला था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच में जमुई पुलिस को इस बात की जानकारी हुई कि कोर्ट से जिस व्यक्ति का जमानत लिया गया है उसकी मृत्यु 19 जुलाई 2019 को ही हो चुकी है। पुलिस ने इस मामले में षड्यंत्र रचने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और दो जमानतदार राम बहादुर सिंह और गोविंद मांझी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। एसपी ने बताया कि यह पूरा मामला अवैध उत्खनन से जुड़ा हुआ है।
बता दें कि इससे पूर्व भी कुख्यात इनामी अपराधी पप्पू मंडल की जगह पर किसी अन्य व्यक्ति को कोर्ट में खड़ा कर जमानत लेने का प्रयास किया गया था। इस मामले में भी अधिवक्ता और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और कोर्ट पहुंचे शख्स और अधिवक्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।