DESK : जम्मू-कश्मीर में आज एक दशक बाद हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने वाले हैं। यह नतीजे कई मायनों में खास हैं। इसकी वजह यह है कि इन परिणामों के साथ ही घाटी का सियासी तकदीर भी तय होगा। अब देखना यह है कि इस चुनाव में कौन सा दल अपने झंडे गाड़ने में सफल होता है। यहां आज मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी।
जानकारी हो कि, जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन फेज में वोटिंग हुई थी। यहां पहले चरण के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण के तहत 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। जबकि तीनों फेज में मिलाकर 63.45 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं, इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने दम पर अकेले ताल ठोक रहे हैं।
वहीं, इस चुनाव में मुख्यमंत्री की गद्दी के लिए मुख्य दावेदार बीजेपी और एनसी-कांग्रेस गठबंधन है, जबकि पीडीपी और अवामी इत्तेहाद पार्टी जैसे दल किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। यहां अबतक के एग्जिट पोल त्रिशंकु विधानसभा की तरफ इशारा कर रहे हैं, जिसमें कोई भी पार्टी हावी होती नहीं दिख रही है। हालांकि, आज रिजल्ट के साथ ही यह पर्दा उठ जाएगा।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में जब पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे, यह पूर्ण राज्य हुआ करता था। अब यह केंद्र शासित प्रदेश है। तब जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें हुआ करती थीं। 37 सीटें जम्मू, 46 कश्मीर घाटी और चार सीटें लद्दाख रीजन में हुआ करती थीं। अब राज्य के दर्जे से लेकर सीटें और मुद्दे तक, जम्मू कश्मीर में काफी कुछ बदल चुका है। अब लद्दाख रीजन भी अब जम्मू कश्मीर में नहीं रहा। लेकिन जम्मू कश्मीर में अब 87 की जगह 90 सीटें हैं। जम्मू रीजन में सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43, कश्मीर में सीटों की संख्या 46 से बढ़कर 47 हो चुकी है। यहां पहली बार एससी-एसटी के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं।