PATNA : बिहार सरकार ने विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान जरूरी कागजात जुटाने में परेशान रैयतों को बड़ी राहत दी है। अब राज्य के अंदर स्वघोषणा पत्र जमा करने की सीमा एक महीने से बढ़ा कर छह महीने करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया गया। इससे संबंधित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रस्ताव 'बिहार विशेष सर्वेक्षण में बंदोबस्त नियमावली, 2024 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यह संशोधन बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली 2012 में किया गया है।
मालूम हो कि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया के पहले चरण में रैयतों को स्वघोषणा पत्र जमा करना होता है अब सर्वे की घोषणा की तिथि से 180 दिनों तक अथवा किस्तवार का काम होने से पूर्व तक स्व घोषणा पत्र जमा हो सकेगा। 20 अगस्त 2024 तक बिहार के सभी जिलों में उद्घोषणा करती गई थी। इसके अनुसार अब 21 मार्च 2025 तक स्वघोषणा पत्र जमा करने की छूट दे दी गई है।
भूमि सर्वेक्षण में बंदोबस्त में स्वघोषणा पत्र के जरिए रैयत अपनी जमीन का ब्योरा सर्वे कर्मियों के समक्ष उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में इस पूरे मामले को लेकर राजस्व भूमि सुधार विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी एवं लोक भूमि से संबंधित दावा का निष्पादन सहायक बंदोबस्त अधिकारी, अंचल अधिकारी एवं चकबंदी पदाधिकारी से नीचे के अधिकारी नहीं करेंगे। अभी तक किया गया है की अंतिम प्रकाशन की तिथि से 90 दिनों के भीतर कोई भी रैयत प्रपत्र 21 में अधिकारियों के समक्ष आपत्ति दर्ज कर सकेगा।
इधर से पूरे मामले में भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि भू अभिलेख की अनुपलब्धता की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही थी। जिसको ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान लोग अपने कागजात ठीक कर लेंगे तथा भूमि सर्वे में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।