‘सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी जमीन सर्वे’ प्रशांत किशोर बोले- नीतीश ने जाते-जाते ऐसी गलती कर दी कि लोग झाड़ू मारकर भगाएंगे

‘सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी जमीन सर्वे’ प्रशांत किशोर बोले- नीतीश ने जाते-जाते ऐसी गलती कर दी कि लोग झाड़ू मारकर भगाएंगे

ARA: बिहार में बीते 20 अगस्त से शुरू हुए जमीन सर्वे को लेकर लोगों में भारी संशय की स्थिति है। जमीन का सर्वे कैसे होगा? कहीं लोगों की जमीनें छीन तो नहीं जाएंगी? वंशावली कैसे बनेगी? ऐसे कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में चल रहे हैं। जमीन के सर्वे के दौरान विवाद बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इसके लेकर चिंता जताई है। उन्होंने जमीन सर्वे को नीतीश सरकार की ताबूत का आखिरी कील बताया है।


बिहार में जमीन के सर्वे पर भड़के प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार की सरकार बोतल से जिन्न निकालने की कोशिश कर रही लेकिन उसे यह भी पता नही है कि जिन्न को अगर बोतल में वापस डालना होगा तो वह बोतल में कैसे जाएगा। सरकार ने इतना बड़ा बखेड़ा कर दिया है कि नीतीश कुमार को पता ही नहीं चल रहा है कि यह खत्म होने वाला नहीं है।


उन्होंने कहा कि जमीन को लेकर परिवारों में झगड़ा-लड़ाई तुरंत शुरू होना है। नीतीश कुमार 6 महीना में अपने लिए बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियती नीतीश कुमार से यह सब करा रही है। 18 साल से सरकार में थे तब उनको जमीन के सर्वे की चिंता नहीं थी लेकिन अब जब विदाई का वक्त आ गया है तो उससे पहले नियती ने उनसे यह काम करा दिया।


प्रशांत किशोर ने कहा कि सत्ता से जाते जाते नियती ऐसा गलती करा देगी कि समाज झाड़ू मारकर उन्हें बाहर भगाएगा। बिहार में जमीन का सर्वे नीतीश सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। समाज को तो परेशानी होगी ही लेकिन किसी के कहने से वह इसको रोकने वाले नहीं हैं। राजस्व विभाग में रजिस्टर टू का सेकेंड रिकॉर्ड है ही नहीं ऐसे में विवाद बढ़ने की संभावना है।


पीके ने कहा कि जमीन सर्वे के बहाने ऊपर वाले ने नीतीश कुमार की विदाई तय कर दी है। जैसे ही जमीन को लेकर विवाद बढ़गा तो बिहार के लोग जेडीयू के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर मारेंगे। बिहार में न तो कानूनन बेटियों को जमीन दी गई और ना ही उन्होंने मांगा है। अब जब जमीनों के दाम बढ़ गए हैं, उसका परिवार कभी भी जमीन देने के लिए तैयार नहीं होगा। वंशावली बनेगी नहीं और सारे जमीन विवाद में चले जाएंगे।