PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हत्थे से उखड गये. पत्रकारों से कहा-उ क्या बोलता है उ जाने, वहीं पूछिये. दरअसल जगदानंद सिंह ने इंची टेप से नाप कर नीतीश कुमार की पोल खोली है. बिहार सरकार कैसे तीसरे नंबर की पार्टी जेडीयू पर मेहरबान है. पटना में छोटे से जेडीयू दफ्तर को कैसे आस-पास की जमीन,विधायकों का फ्लैट औऱ सड़क की जमीन तक दे दी गयी. जगदा बाबू ने जब पोल खोली तो नीतीश जमकर भड़के.
दरअसल विधायकों और विधानसभा चुनाव के वोट के लिहाज से बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इसलिए नाराज हैं क्योंकि राजद कार्यालय के विस्तार के लिए जमीन नहीं दे रही है. जगदानंद ने अपनी पार्टी के दफ्तर के लिए थोडी और जगह मांगी थी. लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया. लिहाजा उन्होंने जेडीयू दफ्तर की सारी कहानी नीतीश कुमार को पत्र लिख कर सार्वजनिक कर दिया है.
जमकर भड़के नीतीश
जगदानंद सिंह का पत्र आज सार्वजनिक हुआ है. इसके बाद नीतीश कुमार से मीडिया ने सवाल पूछा. गुस्साये नीतीश ने क्या कहा ये देखिये “क्या बात करते हैं आपलोग. सब पार्टी को दफ्तर मिला हुआ है. अब उ क्या बोलता है उ जाने. वहीं पूछिये. इ नहीं मालूम है कि 2006 के बाद सभी पार्टियों को ऑफिस के लिए जगह दिया गया. सारी जो मान्यता प्राप्त पार्टी है उसको जगह दिया है कभी ई लोग. जमीन तो हमही लोग न दिये औऱ जो च्वायस किया वही न मिला हुआ है. आसमान से लाकर दे दें जमीन. इ सब कोई बोले त पूछ लिया कीजिये.”
क्यों भड़के नीतीश
दरअसल राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पूरे विस्तार से जेडीयू के लिए सरकारी संपत्ति को कुर्बान करने की कहानी बता दी है. नीतीश को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि सूबे में तीन बड़ी पार्टियां हैं. सरकार ने तीनों पार्टियों को ऑफिस दिया है, जो वीरचंद पटेल रोड में अगल बगल में ही है. लेकिन तीनों पार्टियों के ऑफिस के लिए जमीन के आवंटन में सरकार ने भारी बेइमानी कर दी. जगदानंद ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार विधानसभा में RJD के 75, BJP के 74 और JDU के 43 विधायक हैं. इस लिहाज से राजद पहले, बीजेपी दूसरे और जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी है. लेकिन जेडीयू के लिए सरकार ने अंत कर दिया.
जगदानंद सिंह के पत्र के मुताबिक बिहार सरकार ने जेडीयू को अपने ऑफिस के लिए 66000 वर्ग फीट जमीन दे दिया है. पटना के हिसाब से ये लगभग ढाई बीघा जमीन है. सरकार में शामिल पार्टी BJP को ऑफिस के लिए 52000 वर्ग फीट जमीन दी गयी है. यानि लगभग दो बीघा जमीन. लेकिन इसी सरकार ने विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद को पार्टी ऑफिस चलाने के लिए सिर्फ 19842 वर्ग फीट जमीन दी है. सामान्य बोलचाल की भाषा में समझिये तो राजद ऑफिस का रकबा लगभग 15 कट्ठा का है. एक बीघा भी नहीं.
जगदानंद सिंह ने अपने पत्र में कई बातों का खुलासा किया है. उन्होंने लिखा है बिहार सरकार ने पहले जेडीयू को कार्यालय के लिए जो भवन दिया था उसका लगातार विस्तार होता गया. सरकार ने जेडीयू ऑफिस के लिए विधायकों का फ्लैट तुडवा कर जमीन दे दिया. जेडीयू ऑफिस के विस्तार के लिए ऐसी जमीन दी गयी जिस पर विधायकों के 24 फ्लैट बने हुए थे. विधायकों के सभी फ्लैटों को तोड़कर जेडीयू को जमीन दे दी गयी. फिर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए से ज्यादा खर्च कर शानदार सभागार भी बना दिया गया. जेडीयू ऑफिस के पास के एक सरकारी सड़क भी गुजरती थी. उस रोड को भी बंद कर जमीन को जेडीयू को दे दिया गया. पहले मिलर स्कूल औऱ जेडीयू ऑफिस के बीच एक सड़क हुआ करती थी. अब जेडीयू का ऑफिस मिलर स्कूल की चाहरदीवारी से सटा हुआ है. यानि नीतीश की पार्टी ने सड़क तक को निगल लिया. जगदानंद सिंह ने कहा है कि बिहार के लोगों के पैसे से जेडीयू के लिए दो मंजिला बिल्डिंग भी बनाया जा रहा है.
दरअसल जगदानंद सिंह कह रहे हैं कि उनकी पार्टी को छोटे ऑफिस के कारण कामकाज चलाने में परेशानी हो रही है. पार्टी ने मजबूरन अपने महिला विंग के ऑफिस में मीटिंग कक्ष बनाया है. अपने दफ्तर में सही से काम करने के लिए जगदानंद सिंह ने सरकार से पहले ही गुहार लगायी थी. इस साल मार्च में ही उन्होंने बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर राजद ऑफिस के बगल के एक खाली कैंपस की मांग की थी. लेकिन भवन निर्माण विभाग ने उसे रिजेक्ट कर दिया.
इसके बाद जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री न्याय के सिद्धांत का पालन करें और राजद ऑफिस के लिए जगह दे. जगदानंद सिंह ने इसके लिए रास्ता भी सुझाया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राजद कार्यालय के बगल में एक खाली प्लॉट है. ये राजद ऑफिस की दीवार से उत्तर दिशा में लगा है. अगर यह जमीन राजद को दे दी जाती है तो पार्टी को अपने कामकाज में सुविधा होगी. इंची टेप लेकर बैठे जगदानंद सिंह ने पूरी मापी दी है. उन्होंने लिखा है कि राजद कार्यालय के बगल की जमीन 13797 वर्ग फीट है. उसे पार्टी को दे दिया जाये. सरकार अगर इस जमीन को राजद को दे देती है तब भी उनकी पार्टी के पास सिर्फ 33642 वर्ग फीट जमीन होगी. इस जमीन को राजद को देने के बाद भी जेडीयू के पास राजद से दो गुणा ज्यादा जगह होगी और बीजेपी के पास 33 फीसदी ज्यादा जगह होगी.