जगदानंद सिंह बोले.. नीतीश मैटेरियल हैं इसलिए कुर्सी के लिए उलटते-पुलटते रहते हैं, वे वेस्ट मैटेरियल हैं

जगदानंद सिंह बोले.. नीतीश मैटेरियल हैं इसलिए कुर्सी के लिए उलटते-पुलटते रहते हैं, वे वेस्ट मैटेरियल हैं

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने की जेडीयू में लगी होड़ के बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नयी परिभाषा गढ़ दी है। जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश मैटेरियल हैं तभी उलटते-पुलटते रहते हैं. लालू-तेजस्वी में नीतीश वाला गुण आ ही नहीं सकता. राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश को वेस्ट मैटेरिलय करार दिया.


PM मैटेरियल की परिभाषा

दरअसल राजद में आज पार्टी के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की बैठक थी. जगदानंद सिंह उसी बैठक में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आजकल PM मैटेरियल की चर्चा की जा रही है. इसका सही अर्थ कुछ औऱ है. जगदानंद सिंह बोले "मैटेरियल का मतलब होता है पदार्थ. पदार्थ की अलग जिंदगी और अलग गुण होता है. जो पदार्थ होगा वही न मैटेरिलय कहलायेगा. पदार्थ को देखो वह उलटता- पलटता रहता है. पदार्थ कुर्सी के लिए कहीं भी उलट-पुलट सकता है. लेकिन वह पदार्थ ही रहेगा. लालू प्रसाद यादव नहीं बन हो सकता. किसी का व्यक्तित्व नहीं बदलता. हमारी पार्टी का नेता तेजस्वी यादव इंसान है पदार्थ नहीं है. वो इंसानों की फिक्र करता है. लेकिन जो पदार्थ है वह वेस्ट मैटेरियल है.”


राजद नेताओं को भी ज्ञान

जगदानंद सिंह ने अपनी पार्टी के नेताओं को भी ज्ञान दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी ऑफिस में घूमने वालों का हमारे लिए कोई मोल नहीं है. वे हमारे लिए बेशकीमती नहीं हो सकते. हमारी पार्टी में यही कमी आ गयी है जिससे हमारा नुकसान हो रहा है. हमारी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को अपनी आदत सुधारनी होगी. अगर उपर जाना है तो पहले नीचे जाना होगा. हमारी आदत हो गयी है कि हम अपने पड़ोस के परिवार के पास भी नहीं जाना चाहते. बगल की झोपड़ी या दरवाजे पर जाकर नहीं बैठते. घर से निकले और पहुंच गये प्रखंड कार्यालय फिर जिला कार्यालय औऱ आखिर में चाय की दुकान पर. चाय की दुकान पर ऐसी बातें करते हैं जैसे देश बदल देंगे. 


जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद के कार्यकर्ताओं को मान लेना चाहिये कि अगर पार्टी में रहना है तो संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा. राजद कभी अपने सिद्धांतों से विचलित नहीं हुआ और ना आगे कभी होगा. लालू यादव की पहचान यही है. बिहार में जमीन का कोई ऐसा टुकड़ा नहीं होगा जिस पर लालू यादव की छाप नहीं होगी.